भारत ने बुधवार को स्वदेशी और लंबी दूरी की क्षमता वाली सबसोनिक क्रूज मिसाइल का टेस्ट किया गया। जिसका परीक्षण असफल बताया जा रहा है, लेकिन इस परीक्षण पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने चुप्पी साध रखी है। निर्भय का परीक्षण ओडि़शा में चांदीपुर के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) से किया गया।
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रक्षा सूत्रों के अनुसार एक हजार किलोमीटर की दूरी तक मारक क्षमता वाले अत्याधुनिक मिसाइल को एक विशेष प्रक्षेपक से आज दोपहर आईटीआर के परिसर संख्या तीन से प्रक्षेपित किया गया। प्रक्षेपण के बाद यह खबरें आयीं कि यह परीक्षण पिछले प्रक्षेपणों की तरह विफल हो गया।
इस घटनाक्रम पर ना तो रक्षा मंत्रालय ने कोई टिप्पणी की और ना ही डीआरडीओ इस पर कुछ कहने के लिए तैयार है।
कैसा है 'निर्भय'
ठोस रॉकेट मोटर बूस्टर से लैस ‘निर्भय’ मिसाइल में टबरेफैन इंजन लगा है और वह अति उन्नत प्रणाली से निर्देशित होता है। इस सबसोनिक मिसाइल को सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस के पूरक के तौर पर देखा जा रहा है।
परियोजना से जुड़े एक वैज्ञानिक ने बताया कि मिसाइल के तय ऊंचाई और गति तक पहुंचते ही बूस्टर मोटर अलग हो जाता है और टबरेफैन इंजन आगे के प्रक्षेपण के लिए खुद ही काम करने लगता है।
पहले भी टेस्ट रहे फेल
इस मिसाइल सिस्टम के तीन टेस्ट किए गए हैं। इनमें दो नाकाम रहे जबकि तीसरे टेस्ट को आंशिक सफल बताया गया। निर्भय की पहला परीक्षण 12 मार्च, 2013 को बीच रास्ते में ही समाप्त करनी पड़ा। हालांकि 17 अक्तूबर, 2014 को दूसरी उड़ान सफल रही थी।
अगला परीक्षण 16 अक्तूबर, 2015 को किया गया जिसे इसकी उड़ान को 700 सेकंड बाद रोकना पड़ा। बुधवार को इसका चौथा परीक्षण किया गया।
Source : News Nation Bureau