सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने निर्भया के गुनहगारों को बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पवन की क्यूरेटिव क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने बाकी 3 दोषियों अक्षय, विनय और मुकेश की क्यूरेटिव अर्जी पहले ही खारिज कर दी है. इन तीनों की दया याचिका भी राष्ट्रपति की ओर से खारिज की जा चुकी है. इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने कल मंगलवार 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी की सज़ा के लिए डेथ वारंट जारी किया था. पवन ने याचिका में अपराध के समय खुद के नाबालिग होने का दावा करते हुए फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने का अनुरोध किया है. इस मांग को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. वकील एपी सिंह ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में अर्जी दाखिल कर खुली अदालत में पवन की सुधारात्मक याचिका पर मौखिक सुनवाई का अनुरोध किया था.
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पवन की याचिका पर बंद कमरे में जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस रोहिंग्टन फली नरीमन, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण ने सुबह 10:25 बजे सुनवाई शुरू की. क्यूरेटिव पिटीशन की सुनवाई बंद कमरे में ही होती है. पवन की क्यूरेटिवि याचिका खारिज होने के बाद अभी उसके पास दया याचिका दाखिल करने का विकल्प है. इससे पहले बाकी तीनो की क्यूरेटिव और मर्सी खारिज की जा चुकी है.
पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के गुनहगारों को फांसी दिए जाने के लिए कल मंगलवार 3 मार्च की तारीख मुकर्रर की है. हालांकि कानूनी जानकारों के अनुसार पवन की ओर से मर्सी पिटीशन दायर किए जाने की हालत में 3 मार्च को फांसी की सजा देना मुमकिन नहीं होगा. दया याचिका खारिज हो जाने की स्थिति में नया डेथ वारंट जारी किया जाएगा और फांसी के लिए नई तारीख मुकर्रर की जाएगी.
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यह है मामला
दक्षिणी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में एक छात्रा से सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी और दोषियों ने बर्बरता करने के बाद उसे बस से फेंक दिया था. एक पखवाड़े बाद उसकी मौत हो गई थी.
Source : Arvind Singh