निर्भया कांड : मौत के फंदे से बचने को आज सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंच सकते हैं 4 में से 3 दोषी

शनिवार को पवन, अक्षय और विनय के वकील अजय प्रकाश सिंह ने कहा भी था कि वो सोमवार को अक्षय के मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकते हैं

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Aditi Sharma
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निर्भया कांड : मौत के फंदे से बचने को आज सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंच सकते हैं 4 में से 3 दोषी

निर्भया कांड( Photo Credit : फाइल फोटो)

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तिहाड़ जेल प्रशासन से मिले नोटिस से हड़बड़ाए निर्भया कांड के 4 मुजरिमों में से 3 आज (सोमवार) सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. यह तीनों मुजरिम पवन कुमार गुप्ता (मंडोली जेल में बंद), विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार सिंह हैं. विनय और अक्षय दोनो तिहाड़ जेल में बंद हैं. उल्लेखनीय है कि, तिहाड़ जेल प्रशासन ने 28-29 अक्टूबर को चारों (चौथे मुजरिम मुकेश की आगे की रणनीति का फिलहाल खुलासा नहीं हुआ है) को नोटिस दिया था. नोटिस में कहा था कि, अगर वे चाहें तो राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दाखिल कर सकते हैं. उनके पास इस कदम के लिए सिर्फ 7 दिन बचे हैं.

इसके बाद से ही चारों मुजरिमों की दिल की धड़कनें बढ़ गईं. शनिवार को पवन, अक्षय और विनय के वकील अजय प्रकाश सिंह ने कहा भी था कि वो सोमवार को अक्षय के मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकते हैं. जबकि बाकी दोनों-पवन और विनय को फांसी के फंदे से बचाने के लिए क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करेंगे.

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चारों सजायाफ्ता मुजरिमों ने बाकायदा जेल के नोटिस प्राप्त कर लिए. उसके बाद से इस मामले में एकदम सन्नाटा छाया हुआ था. शुक्रवार दोपहर तक भी इस मामले में कोई खास चर्चा नहीं थी. दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे तिहाड़ जेल नंबर-2 में कैद मुजरिम अक्षय कुमार सिंह और जेल नंबर-3 में बंद विनय कुमार शर्मा के वकील तिहाड़ जेल पहुंच गए, जबकि इनमें से मंडोली जेल में बंद मुजरिम पवन कुमार गुप्ता से मिलने उसके वकील जेल नंबर-14 में पहुंचे थे.

जेल में अपने-अपने सजायाफ्ता मुवक्किलों से शुक्रवार दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे से पांच साढ़े पांच बजे तक मिलने की पुष्टि खुद सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील डॉ. अजय प्रकाश सिंह ने की. अक्षय और विनय से तिहाड़ जेल में मिल चुके वकील अजय प्रकाश ने बताया, "मंडोली जेल में बंद पवन कुमार गुप्ता से उनके वकील वी.पी. सिंह ने मुलाकात की."

लंबे समय तक चली इस बेहद गोपनीय मुलाकात के दौरान ही तय किया गया है कि तीनों मुजरिम (तिहाड़ में बंद अक्षय कुमार सिंह, विनय कुमार शर्मा और मंडोली जेल में बंद पवन कुमार गुप्ता) मृत्युदंड की माफी के लिए राष्ट्रपति की देहरी पर पहले नहीं जाएंगे. जेल के भीतर चली इस बेहद गोपनीय बैठक में निर्भया कांड के मुजरिमों और उनके वकीलों के बीच तय हुआ कि जितनी जल्दी हो जेल में बंद मुजरिम अक्षय की गांव में मौजूद पत्नी को तुरंत दिल्ली बुलवाया जाए.

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बीते सप्ताह ही अक्षय के ससुर की मौत हो गई थी, इसलिए उसकी पत्नी, पिता के अंतिम संस्कार-रस्म के बाद दिल्ली आ जाएगी. अक्षय की पत्नी से वकालतनामा मिलने के बाद ही अक्षय के वकील अजय प्रकाश सिंह उसकी 'समीक्षा याचिका' सुप्रीम कोर्ट लेकर पहुंचेंगे. डॉ. अजय प्रकाश सिंह ने कहा, "जेल में बंद चारों सजायाफ्ता मुजरिमों में से अक्षय ही अकेला ऐसा मुजरिम है, जिसकी समीक्षा याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल नहीं हुई थी."

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और फिलहाल निर्भया कांड के दो मुजरिमों (अक्षय और विनय) की पैरवी कर रहे अजय प्रकाश ने कहा, "मंडोली जेल में बंद पवन कुमार गुप्ता और तिहाड़ जेल में बंद दूसरे मुजरिम विनय कुमार शर्मा की रिव्यू-पिटीशन चूंकि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी हैं. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट में उन दोनों की ओर से 'क्यूरेटिव-पिटीशन' दाखिल की जाएगी, जो हमारे मुवक्किलों का कानूनी हक है."

अजय प्रकाश सिंह ने तिहाड़ जेल प्रशासन के नोटिस को 'पॉलिटिकल' करार दिया. उन्होंने कहा, "जब दिल्ली में चुनाव सिर पर है. तभी जेल प्रशासन को नोटिस देने की याद क्यों आई है? इतना ही नहीं मंडोली जेल में बंद मुजरिम पवन कुमार गुप्ता का तो आयु-संबंधी विवाद अभी तक हाईकोर्ट में चल ही रहा है. आखिर इन तमाम परिस्थितियों में भी जेल प्रशासन को नोटिस देने की क्या जल्दी थी."

इस मुद्दे पर गुरुवार को बातचीत के दौरान तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने आईएएनएस से कहा, "नोटिस कानूनन दिया गया है, ताकि जेल में बंद मुजरिम कहीं राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दाखिल करना जाने-अनजाने भूल न जाएं. यह जेल की ड्यूटी थी."

दूसरी ओर दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज न्यायमूर्ति शिव नारायण ढींगरा ने इस मुद्दे पर आईएएनएस से कहा, "रिव्यू पिटीशन तो उसी बेंच के सामने लगाया जाना उचित होता है, जिसने सजा पर मुहर लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट में सजा पर अंतिम मुहर लगाने वाले जज तो अब रिटायर भी हो चुके होंगे. ऐसे में रिव्यू-पिटीशन कितनी कामयाब रहेगी? यह विचारणीय बिंदु है."

Supreme Court Nirbhaya Case Convicts Nirbhaya
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