निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में फांसी की सजा का सामना कर रहे चार दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख करते हुए दावा किया कि वह दिसंबर 2012 में अपराध के समय नाबालिग था. दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए निर्भया के दोषी पवन कुमार गुप्ता की याचिका खारिज कर दी. साथ ही कोर्ट ने अदालत का कीमती वक्त बर्बाद करने के लिए दोषी के वकील एपी सिंह पर पच्चीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
यह भी पढ़ेंःIPL Auction 2020 LIVE : ग्लेन मैक्सवेल इस सीजन के सबसे महंगे खिलाड़ी बने
दिल्ली हाई कोर्ट से निर्भया के दोषी पवन कुमार को बड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने घटना के वक्त नाबालिग का दावा करने वाली पवन कुमार की अर्जी खारिज कर दी. पवन ने अर्जी में दावा किया था कि दिसंबर 2012 में घटना के वक्त वह नाबलिग था. जांच अधिकारी की ओर से उम्र की जांच के लिए मेडिकल परीक्षण नहीं कराया गया था, उसे जुवेनाइल जस्टिस एक्ट कर तहत संदेह का लाभ दिया जाना चाहिए.
इसके अलावा ही दिल्ली हाई कोर्ट ने अदालत की कीमती वक्त बर्बाद करने के लिए दोषी पवन कुमार गुप्ता के वकील एपी सिंह पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही कोर्ट ने दिल्ली बार कॉउंसिल को वकील एपी सिंह के खिलाफ एक्शन लेने के लिए कहा.
यह भी पढ़ेंःजामिया हिंसाः हाईकोर्ट ने छात्रो के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर रोक की मांग ठुकराई, केंद्र और दिल्ली पुलिस को नोटिस
बता दें कि पवन कुमार को मौत की सजा सुनाई गई है और वह तिहाड़ जेल में बंद है. उसने कोर्ट से अनुरोध किया था कि संबंधित प्राधिकरण को उसके नाबालिग होने के दावे का पता लगाने के लिए हड्डियों संबंधी जांच करने का निर्देश दिया जाए. पवन के अलावा मामले में तीन अन्य दोषी मुकेश, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह हैं.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो