निर्भया मामला : 16 दिसंबर 2012 की रात से 20 मार्च 2020 की सुबह साढ़े पांच बजे तक

चारों दोषियों ने भले ही अपने वकील के माध्यम से फांसी में देरी के लिए तमाम प्रयास किए, मगर शुक्रवार को आखिरकार भारत की बेटी निर्भया को न्याय मिल जाएगा.

author-image
Pankaj Mishra
New Update
nirbhayas convicts

प्रतीकात्‍मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर 16 दिसंबर 2012 की रात अंधेरे में चलती बस में निर्भया के साथ कुछ दरिंदों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं. इस घटना ने पूरे देश की अंतरात्मा को हिलाकर रख दिया था और सभी निर्भया के गुनहगारों को मौत की सजा देने की मांग उठाने लगे थे. अब लंबे इंतजार के बाद चंद घंटे ही बचे हैं, जब इस क्रूर अपराध में शामिल दोषियों को फांसी पर लटका दिया जाएगा. फिजियोथेरेपी की छात्रा निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले दोषी विनय, अक्षय, पवन और मुकेश अपराध के करीब सात साल बाद शुक्रवार की सुबह 5:30 बजे आखिरी सांस लेंगे.

यह भी पढ़ें ः Hanging History : आजाद भारत में नाथूराम गोडसे को पहली और याकूब मेमन को मिली आखिरी फांसी

चारों दोषियों ने भले ही अपने वकील के माध्यम से फांसी में देरी के लिए तमाम प्रयास किए, मगर शुक्रवार को आखिरकार भारत की बेटी निर्भया को न्याय मिल जाएगा. यह मामला 16 दिसंबर 2012 की रात 23 साल की फिजियोथेरेपी की छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म से संबंधित है, जिसे बाद में काल्पनिक तौर पर 'निर्भया' नाम दिया गया. निर्भया के साथ उस रात चलती बस में छह लोगों द्वारा बेहरमी से सामूहिक दुष्कर्म किया गया. इस दौरान दोषियों ने उसके साथ काफी ज्यादती भी की. दोषियों ने इस दौरान निर्भया के साथ मौजूद उसके एक दोस्त के साथ भी मारपीट की. इसके बाद उन दोनों को सड़क पर भी फेंक दिया गया. निर्भया के साथ ऐसी दरिंदगी की गई थी कि अस्पताल में इलाज के बावजूद 13 दिनों बाद उसने दम तोड़ दिया.

यह भी पढ़ें ः Nirbhaya Justice LIVE Updates : निर्भया के हत्‍यारों के गले में फंदा डाला गया

हमलावरों ने उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाली, जिससे उसकी आंतें तक निकल आई. अपराध की क्रूरता ने देशभर के लोगों को हिलाकर रख दिया. इस घटना के बाद देशभर में महिला सुरक्षा व कानून व्यवस्था को सख्त बनाने के लिए लोग सड़कों पर उतर आए. यही वजह रही कि देश में दुष्कर्म से संबंधित कानूनों में व्यापक बदलाव भी आया. दिल्ली पुलिस ने मामले में तेजी दिखाई और घटना के कुछ दिनों के अंदर ही एक नाबालिग समेत सभी दोषियों को गिरफ्तार कर लिया. नाबालिग आरोपी का मामला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) को स्थानांतरित कर दिया गया था.

यह भी पढ़ें ः अब से कुछ ही देर में फांसी पर लटका दिए जाएंगे निर्भया के हत्यारे

अपराध में शामिल पांच वयस्कों मुकेश, विनय, अक्षय, पवन और राम सिंह के खिलाफ तीन जनवरी को हत्या, हत्या के प्रयास, सामूहिक दुष्कर्म, अपहरण, अप्राकृतिक अपराध जैसे गंभीर आरोपों के साथ आरोप पत्र दायर किया गया. यौन अपराध के मामलों के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट (FTC) स्थापित किए जाने के एक दिन बाद यह कार्रवाई हुई. मामले के एक आरोपी राम सिंह ने 11 मार्च को तिहाड़ जेल में कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पांच महीने बाद 31 अगस्त 2013 को जेजेबी ने नाबालिग को सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के लिए दोषी ठहराया और उसे तीन साल की अवधि के लिए एक सुधार गृह भेज दिया गया.

यह भी पढ़ें ः बेचैन होकर अपने बैरक में घूम रहे निर्भया के दोषी, SC पहुंचे एपी सिंह

इसके दस दिन बाद एक ट्रायल कोर्ट ने चार अन्य आरोपियों को गंभीर अपराध के लिए दोषी ठहराया, जिसमें सामूहिक दुष्कर्म, अप्राकृतिक अपराध, पीड़िता की हत्या और उसके पुरुष मित्र की हत्या का प्रयास शामिल रहा. अदालत ने 13 सितंबर को सभी चार दोषियों को मृत्युदंड दिया.

यह भी पढ़ें ः गर्दन की इस हड्डी के टूटते ही निर्भया के हैवानों को मिलेगी मौत

इसके बाद दोषियों ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हालांकि 13 मार्च, 2014 को अदालत ने उन्हें कोई राहत नहीं दी और निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा. इसके बाद वह पांच मई, 2017 को सुप्रीम कोर्ट चले गए, लेकिन न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने भी उनकी मृत्युदंड की सजा को बरकरार रखा. शीर्ष अदालत ने इस अपराध को दुर्लभतम श्रेणी का मानते हुए दोषियों को कोई राहत प्रदान करने से मना कर दिया. इसके बाद दोषियों ने कानूनी और संवैधानिक उपायों का लाभ उठाते हुए फांसी की तारीख टालने का पूरा प्रयास किया. उन्होंने अपनी क्यूरेटिव याचिका और दया याचिका तीन साल की अवधि में अलग-अलग और अंतराल के साथ दायर की. अंतत: यह सभी याचिकाएं खारिज कर दी गईं. अब शुक्रवार की सुबह चारों दोषियों को 5:30 बजे फांसी दिए जाने के साथ ही लंबे इंतजार के बाद भारत की बेटी को न्याय नसीब हो सकेगा.

Source : IANS

Nirbhaya Rape Accused Nirbhaya Rape nirbhaya convicts hanging Court Transferred Nirbhaya Case
Advertisment
Advertisment
Advertisment