निर्भया गैंग रेप मामले में दोषी अपने बचाव के लिए हर कानूनी दरवाजा खटखटा रहे हैं. अब इस मामले में अंतिम विकल्प क्यूरेटिव पिटीशन का बचा है. निर्भया मामले के दोषी विनय शर्मा और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की है. पांच जजों की बैंच इस मामले में 14 जनवरी को सुनवाई होगी. इस मामले की सुनवाई एनवी रमन्ना, अरुण मिश्रा, आरएफ नरीमन, बी बानुमति औक अशोक भूषण की बैंच करेगी.
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7 जनवरी को इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया था. इसके बाद से ही निर्भया के दोषी डरे हुए हैं. अब इस मामले में दोषी मुकेश की ओर से दायर क्यूरेटिव पिटीशन के मुख्य आधार ये हैं. इस केस में राम सिंह की भूमिका सबसे संगीन थी. उसकी ओर से पहुंचाई गई चोट की वजह से निर्भया की जान गई. मुकेश का रोल उतना संगीन नहीं था. नवंबर 2018 के बाद रेप और मर्डर के 17 मामलों में सुप्रीम कोर्ट फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल चुका है.
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दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सात जनवरी को सभी चार दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया था. पटियाला हाउस कोर्ट ने 22 जनवरी को सुबह 7 बजे सभी दोषियों को फांसी पर चढ़ाने का आदेश दिया था. डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी पर लटकाया जाएगा. इसके लिए 22 जनवरी बुधवार को सुबह 7 बजे का समय तय किया गया है.
किसी मामले के दोषी की राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज हो जाने के बाद क्यूरेटिव पिटीशन दायर किया जाता है. क्यूरेटिव पिटीशन ही दोषी के पास अंतिम मौका होता है, जिसके जरिए वह अपने लिए तय सजा में नरमी की गुहार लगा सकता है. क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई के बाद दोषी के लिए कानून के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं.
Source : News Nation Bureau