2012 में दिल्ली गैंगरेप (Delhi Gangrape) मामले में आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई के दौरान जस्टिस आर बानुमति बेहोश हो गईं. दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की केंद्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. इसी दौरान जस्टिस भानुमति बेहोश हो गईं. तुरंत उन्हें चैंबर में ले जाया गया. मामले की सुनवाई स्थगित कर दी गई है. पीठ की ओर से कहा गया है कि इस बारे में बाद में आदेश जारी किया जाएगा. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया, 'जस्टिस आर भानुमति को तेज बुखार था. चैम्बर में डॉक्टरों द्वारा उनकी जांच की जा रही है. वह दवा खाकर मामले की सुनवाई कर रही थीं.
केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर निर्भया कांड के दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की मांग की थी, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी. हाई कोर्ट ने कहा कि निर्भया मामलों में सभी चारों दोषियों को एक साथ फांसी दी जाए, न कि अलग-अलग. हाई कोर्ट में याचिका खारिज होने के कुछ ही देर बाद केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की थी. अदालत ने संबंधित अफसरों को इस बात के लिए जिम्मेदार ठहराया कि उन्होंने 2017 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अभियुक्तों की अपील खारिज किए जाने के बाद डेथ वारंट जारी करने के लिए कदम नहीं उठाया.
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केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने बताया कि जेल प्रशासन मामले में दोषियों को फांसी देने में असमर्थ है, जबकि उनकी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दी गई है और सुधारात्मक याचिकाएं तथा उनमें से तीन की दया याचिकाएं भी खारिज हो चुकी हैं.
Source : News Nation Bureau