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निर्भया केसः रिव्यू पिटीशन पर कल नई बैंच करेगी सुनवाई, CJI ने केस से खुद को किया अलग

निर्भया केस मामले में दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जाएगी. सुनवाई के लिए अलग बेंच का गठन किया जाएगा. इस मामले से सीजेई शरद अरविंद बोबडे ने खुद को अलग कर लिया है.

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Kuldeep Singh
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निर्भया केसः रिव्यू पिटीशन पर कल नई बैंच करेगी सुनवाई, CJI ने केस से खुद को किया अलग

सुप्रीम कोर्ट (प्रतीकात्मक फोटो)( Photo Credit : फाइल फोटो)

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निर्भया केस मामले में दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जाएगी. सुनवाई के लिए अलग बेंच का गठन किया जाएगा. इस मामले से सीजेई शरद अरविंद बोबडे ने खुद को अलग कर लिया है.

मंगलवार को अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई शुरू होने के दस मिनट के भीतर ही टल गई. चीफ जस्टिस ने खुद को इस सुनवाई से अलग कर लिया है. अब इस मामले में तीन जजों की नई बेंच बुधवार सुबह साढ़े दस बजे इस पर सुनवाई करेगी. माना जा रहा है कि नई बैंच में पीठ के अन्य दो जज जस्टिस आर. भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण होंगे. जबकि सीजेआई की जगह कोई अन्य जज आएंगे.

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मंगलवार को सुनवाई के दौरान निर्भया के दोषी अक्षय सिंह की तरफ से वकील ए.पी सिंह ने दलील देते हुए कहा कि जिस तरीके से गिरफ्तारी और सर्च हुई, वो शक के दायरे में है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जांच पर जनता, मीडिया और राजनीति का दबाव रहा. सुप्रीम कोर्ट में दोषी अक्षय की याचिका पर सुनवाई होनी है, साथ ही इस अपील पर भी सुनवाई होनी है कि दोषियों को एक महीने के अंदर फांसी दी जाए.

मृत्युदंड पर पुनर्विचार के लिए ये है गाइडलाइन
जब भी किसी आरोपी को फांसी की सजा सुनाई जाती है तो इसके बाद मृत्युदंड पर पुनर्विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की विशेष पीठ खुली अदालत में ही सुनवाई करती है. विशेष पीठ में सुनवाई के लिए आधा घंटे की समयसीमा तय होती है. लालकिला हमले में मोहम्मद आरिफ के मृत्युदंड पर पुनर्विचार याचिका पर हुई लंबी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ये गाइडलाइन तय की थी. आमतौर पर पुनर्विचार याचिकाएं चेंबर में ही सुनी जाती हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तय कर दिया कि मृत्युदंड के मामले में ये लाजिमी होगा कि खुली अदालत में विशेष पीठ आधा घंटे तक दलीलें सुनें.

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दोषियों को फांसी का हो लाइव प्रसारण
इस मामले में एक याचिका संजीव कुमार की ओर से भी दायर की गई है. इसमें दोषियों को एक महीने में फांसी और दोषियों की फांसी का लाइव प्रसारण करने की मांग की गई है.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

Supreme Court Nirbhaya Case Mercy Petitition
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