निर्भया (Nirbhaya) के दोषियों में से एक मुकेश सिंह की फांसी अब पक्की हो गई है. एक नागरिक के तौर पर मुकेश ने फांसी से बचने के लिए सारे कानूनी दांवपेंच आजमा लिया है. इसलिए अब यह तय हो गया है कि मुकेश को तो हर हाल में फांसी लगेगी और वह किसी भी कीमत पर बच नहीं सकता. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने (Supreme Court) ने मुकेश की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका को अस्वीकार करने के फैसले को चुनौती दी थी. इसके बाद मुकेश के लिए अब बचने के सारे कानूनी रास्ते बंद हो चुके हैं.
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जैसे-जैसे फांसी की सजा के लिए मुकर्रर दिन पास आ रहा है, निर्भया के दोषी बचने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. दोषी मुकेश ने राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका को अस्वीकार किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. अब मुकेश के सामने बचने के सारे रास्ते खत्म हो चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले एक अन्य दोषी अक्षय ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन डाली है. दोषी मुकेश की ओर से सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन, क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका दी जा चुकी है. तीनों याचिकाएं अस्वीकार कर दी गई हैं.
दोषी अक्षय की रिव्यू पिटीशन पिछले साल 2019 के दिसंबर में खारिज हो चुकी है तो एक दिन पहले मंगलवार को उसने क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में फाइल की है. सुप्रीम कोर्ट ने अभी क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई की तारीख तय नहीं की है. हालांकि उसने अब तक राष्ट्रपति के सामने दया याचिका नहीं डाली है. एक अन्य दोषी पवन गुप्ता की रिव्यू पिटीशन जुलाई 2018 में खारिज हो चुकी है. उसने अब तक क्यूरेटिव पिटीशन नहीं डाली है. साथ ही दया याचिका दाखिल करने का विकल्प भी उसके सामने खुला हुआ है.
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चौथा और अंतिम दोषी विनय शर्मा की भी रिव्यू पिटीशन जुलाई 2018 में खारिज की जा चुकी है तो इसी महीने उसकी क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी. उसके पास भी दया याचिका दाखिल करने का विकल्प बचा हुआ है.
चारों दोषियों में से पवन गुप्ता ने क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका नहीं डाली है तो विनय शर्मा के पास केवल दया याचिका दाखिल करने का विकल्प बाकी है. यदि आज और कल में ये दोनों दोषी अपनी बाकी याचिकाएं दाखिल कर देते हैं तो एक फरवरी को शायद ही फांसी हो पाए.
Source : News Nation Bureau