फांसी पर चढ़ने से पहले निर्भया के दोषी (Nirbhaya Convicts) हरसंभव हथकंडे अपना रहे हैं. अक्षय ने मंगलवार को क्यूरेटिव पिटीशन (Curative Petition) दायर की थी तो अब विनय ने बुधवार शाम को दया याचिका फाइल कर दी है. राष्ट्रपति के समक्ष दायर दया याचिका में विनय ने अपने मां-बाप से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि वह जीना नहीं चाहता था, लेकिन उसके मां-बाप जेल में मिलने आए और बोले कि बेटा तुमको देखकर हम जिंदा हैं. विनय ने कहा कि मां-बाप से मुलाकात के बाद मैंने मरने का ख्याल छोड़ दिया है. विनय का कहना है कि मेरे मां-बाप ने कहा कि तू हमारे लिए जिंदा रहो.
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निर्भया के दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति को भेजी दया याचिका में एक अर्जी लगाते हुए लिखा है कि वह अपने वकील एपी सिंह के जरिए राष्ट्रपति को आपबीती बताना चाहता है. विनय ने अर्जी में लिखा है कि वह राष्ट्रपति को बताना चाहता है कि जेल में रहने के दौरान उसे कितना मानसिक कष्ट हुआ है. विनय ने गुहार लगाई है कि वो जो भी समय उचित हो वो बता दें, ताकि उसके वकील एपी सिंह उसका पक्ष मौखिक तौर पर राष्ट्रपति के समक्ष रख सकें.
गुरुवार को निर्भया कांड के एक दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल की. इससे पहले मुकेश की दया याचिका को राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं. दोषी विनय शर्मा की दया याचिका फाइल होने के बाद 1 फरवरी को निर्भया के दोषियों को फांसी पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं. ऐसा इसलिए कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हिसाब से दया याचिका खारिज होने के बाद दोषी को 14 दिनों का वक्त दिया जाता है. पहले निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी जो टल गई थी. दिल्ली जेल नियमों के अनुसार एक ही अपराध के चारों दोषियों में से किसी को भी तब तक फांसी पर नहीं लटकाया जा सकता, जब तक कि अंतिम दोषी दया याचिका सहित सभी कानूनी विकल्प नहीं आजमा लेता.
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सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को ही निर्भया के दोषियों (Nirbhaya Convicts) में से एक अक्षय सिंह (Akshay Singh) की क्यूरेटिव याचिका (Curative Petition) पर सुनवाई करेगा. गुरुवार दोपहर 1 बजे पांच जजों की पीठ इन चेंबर में अक्षय की याचिका पर सुनवाई करेगी. जजों की पीठ में जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस रोहिंगटन फली नरीमन, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण शामिल रहेंगे.
Source : News Nation Bureau