आखिरकार 7 साल बाद निर्भया को इंसाफ मिल गया है. चारों दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया है. फांसी पर लटकाने के बाद इन शवों का पोस्टमॉर्टम होगा जिसके लिए 2 एंबुलेंस में इन शवों को DDU अस्पताल पहुंचाया गया. बताया जा रहा है कि पोस्टमॉर्टम के बाद दोबारा इन शवों को जेल को सौंप दिया जाएगा जिसके बाद परिवार वालों को शव सौपे जाएंगे.
चारों दोषी फांसी से पहले कई सालों तक तिहाड़ जेल में बंद रहे. इस दौरान उन्होंने एक लाख 37 हजार रुपए भी कमाए. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर इन पैसों का क्या होगा. दरअसल ये सभी पैसे दोषियों के परिजनों को सौंप दिए जाएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जेल में रहते हुए अक्षय ने 67 हजार रुपए कमाए जबकि पवन औप विनय ने 29 और 39 हजार रुपए कमाए. वहीं मुकेश ने कोई काम नहीं किया. उनकी फांसी के बाद अब ये पूरी रकम उनके परिवार वालों को देदी जाएगी. इसी के साथ उनके कपड़े और बाकी चीजें भी दी जाएंगी.
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बता दें, निर्भया (Nirbhaya Gangrape and Murder Case) के चारों हत्यारों मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 7 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद फांसी पर लटका दिया गया. तिहाड़ जेल में डेथ वारंट में तय समय के अनुसार ठीक 5:30 बजे पवन जल्लाद ने फांसी का लीवर खींच दिया. लीवर खिंचते ही निर्भया के हत्यारे फंदे पर लटक गए. इसके साथ ही फांसी की प्रक्रिया पूरी हो गई. तिहाड़ जेल के डीजी ने फांसी होने की बात कही.
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आधे घंटे तक डेड बॉडी लटकी रहेगी. डाॅक्टर की ओर से मौत की पुष्टि होने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा. अब चारों हत्यारों की डेड बॉडी का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. फांसी होने के बाद निर्भया की मां ने कहा, 7 साल की लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार इंसाफ मिला. जिस तरह से इस केस में एक-एक कर याचिकाएं डाली गईं, उससे हमारे कानून की खामियां सामने आईं. इसके साथ ही उन्होंने कहा- मुझे गर्व है कि मैं निर्भया की मां हूं. बेटियों को इंसाफ के लिए मेरी लड़ाई जारी रहेगी.
Source : News Nation Bureau