निर्भया मामले में पटियाल हाउस कोर्ट (Delhi Court) ने बड़ा फैसला सुना दिया है. निर्भया गैंगरेप और हत्या (Nirbhaya Case) के मामले में दोषियों में से एक पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया गया है. वहीं, पवन और अक्षय की दूसरी दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दिया. इसी के साथ दोपहर बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने भी इस मामले में दोषियों की ओर से दायर एक याचिका खारिज कर दी है. याचिका में फांसी की सजा को रोकने की मांग की गई थी. अब माना जा रहा है कि चारों दोषियों की फांसी शुक्रवार सुबह 5.30 बजे के तय समय पर ही होगी. इन सभी की फांसी में अब कोई अड़चन नजर नहीं आ रही है.
यह भी पढे़ंः कोरोना के कहर के बीच सबसे बड़ी खबर, मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए जारी किया ये निर्देश
इससे निर्भया के दोषियों को होने वाली फांसी का रास्ता साफ हो गया है. पटियाला हाउस कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई के दौरान हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ. कोर्ट रूम में दोषी अक्षय कुमार की पत्नी ने जज के सामने रोना शुरू कर दिया. अक्षय कुमार की पत्नी ने निर्भया की मां आशा देवी के पैर छूकर कहा कि आप मेरी मां जैसी हैं इस फांसी को रुकवा लीजिए. दोषियों ने पटियाला हाउस कोर्ट में फांसी पर रोक को लेकर याचिका दाखिल की थी, लेकिन अब यह तय हो गया है कि कल यानी शुक्रवार को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी पर लटका दिया जाएगा.
आपको बता दें कि दोषी पवन की आज क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी. इसके बाद दूसरे दोषी मुकेश की भी अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी. इसके साथ ही अक्षय की याचिका भी खारिज हो गई है. कोर्ट में अब चारों गुनहगारों की कोई भी याचिका पेंडिंग नहीं है. शुक्रवार सुबह 5.30 बजे निर्भया के चारों दोषियों को फांसी की सजा दी जाएगी.
इसे भी पढ़ें:निर्भया केस: गुनहगार अक्षय की पत्नी की तलाक याचिका पर सुनवाई टाली
बता दें कि इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक मुकेश की ओर से मृत्युदंड पर रोक लगाने को लेकर दायर याचिका को रद कर दिया था. मुकेश ने फांसी को रद्द करने की मांग की थी. निर्भया केस के चार दोषियों विनय, अक्षय, मुकेश और पवन को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी दी जानी है. दोषी मुकेश ने अपनी याचिका में कहा कि 16 दिसंबर, 2012 को हुए इस अपराध के दौरान वह शहर में मौजूद नहीं था. उसने अपने बचाव में दावा किया है कि घटना के एक दिन बाद 17 दिसंबर, 2012 को उसे राजस्थान से गिरफ्तार कर दिल्ली लाया गया.
Source : News Nation Bureau