निर्भया मामले में चार दोषियों में से एक की दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा अस्वीकार करने के फैसले का पैरामेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा के पिता ने स्वागत किया है. निर्भया के पिता ने कहा कि इससे उन्हें उम्मीद जगी है कि अब दोषियों को जल्द-से-जल्द फांसी होगी. सूत्रों ने बताया कि रामनाथ कोविंद ने 2012 में हुए निर्भया मामले के चार दोषियों में से एक मुकेश सिंह की दया याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी.
नए डेथ वारंट पर निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि हमारे मन में एक यही सवाल है कि जैसे 22 तरीख को ये लोग रेमेडी नहीं पूरा कर सकते थे तो क्या एक तरीख तक कर देंगे? अगर नहीं करेंगे, तो क्या उनको फांसी दी जा सकती है?.
बता दें कि पैरामेडिकल की छात्रा के साथ दिसंबर 2012 में बर्बर सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी. बाद में युवती की मौत हो गई थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को सुबह ही राष्ट्रपति को याचिका भेजी थी. इसके थोड़ी ही देर बाद याचिका खारिज हो गई. निर्भया के पिता ने पीटीआई-भाषा से कहा कि हमें खुशी है कि उन्हें फांसी के फंदे तक पहुंचाने की संभावना बढ़ गई है. हमें भरोसा है कि जैसे ही वह दया याचिका डालेंगे, वह अस्वीकार हो जाएगी.
उन्होंने आगे कहा कि जब दया याचिका की खबर आई थी तो वह निराश हो गए थे, लेकिन शुक्रवार के घटनाक्रम से उम्मीद फिर बंधी है. निर्भया के पिता ने कहा कि कल जो निराशा थी वह आज आशा में बदल गई. दिल्ली की अदालत ने बृहस्पतिवार को तिहाड़ जेल के अधिकारियों से कहा था कि वह निर्भया मामले में दोषियों को मौत की सजा पर अमल के बारे में शुक्रवार तक स्थिति रिपोर्ट पेश करे. मुकेश सिंह ने दो दिन पहले दया याचिका दी थी.
सात जनवरी को दिल्ली की एक अदालत ने मौत का फरमान जारी करते हुए कहा था कि चारों दोषियों- मुकेश सिंह (32), विनय शर्मा (26), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को 22 जनवरी की सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी. हालांकि, दया याचिका खारिज होने के बाद दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चारों दोषियों को एक फरवरी को सुबह छह बजे मृत्युपर्यंत फांसी पर लटकाने के लिए शुक्रवार को नया मृत्य वारंट जारी किया.
Source : Bhasha