निर्भया (Nirbhaya Gangrape and Murder Case) के चारों हत्यारों मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 7 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद फांसी पर लटका दिया गया. तिहाड़ जेल में डेथ वारंट में तय समय के अनुसार ठीक 5:30 बजे पवन जल्लाद ने फांसी का लीवर खींच दिया. लीवर खिंचते ही निर्भया के हत्यारे फंदे पर लटक गए. इसके साथ ही फांसी की प्रक्रिया पूरी हो गई. तिहाड़ जेल के डीजी ने फांसी होने की बात कही. आधे घंटे तक डेड बॉडी लटकी रहेगी. डाॅक्टर की ओर से मौत की पुष्टि होने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा. अब चारों हत्यारों की डेड बॉडी का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. फांसी होने के बाद निर्भया की मां ने कहा, 7 साल की लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार इंसाफ मिला. जिस तरह से इस केस में एक-एक कर याचिकाएं डाली गईं, उससे हमारे कानून की खामियां सामने आईं. इसके साथ ही उन्होंने कहा- मुझे गर्व है कि मैं निर्भया की मां हूं. बेटियों को इंसाफ के लिए मेरी लड़ाई जारी रहेगी.
इससे पहले फांसी के तख्ते के पास कैदियों को ले जाया गया और उनके चेहरों को ढक दिया गया. इसका मकसद है कि कैदियों को फांसी का फंदा दिखाई ना दे. फिर उन्हें तख्ते पर ले जाया गया और फंदे के नीचे खड़ा कर दिया गया. पवन जल्लाद कैदियों को फांसी के तख्ते तक ले गया. साथ में हेड वार्डर के अलावा 6 वार्डर भी मौजूद रहे. दो वार्डर कैदी के आगे तो दो कैदी के पीछे-पीछे रहे. फांसी देने से पहले जेल सुपरिंटेंडेंट ने हत्यारों को डेथ वारंट पढ़कर सुनाया.
यह भी पढ़ें : वो पुलिस ऑफिसर जिससे निर्भया ने कहा था, 'जिसने मेरे साथ ये गंदा काम किया, उन्हें छोड़ना मत'
फांसी से एक दिन पहले रात को हत्यारों सो नहीं पाए. चारों हत्यारों ने अपनी आखिरी इच्छा भी नहीं बताई. फांसी से ऐन वक्त पहले चारों दोषियों ने बेचैनी में आखिरी वक्त गुजारे. जिस सेल में ये दोषी थे, वहां से सीधे रास्ता फांसी दिए जाने वाली जगह पर ले जाया गया. फांसी से पहले चारों दोषियों में से सिर्फ मुकेश और विनय ने ही रात का खाना खाया, लेकिन पवन और अक्षय ने खाना नहीं खाया. फांसी से पहले दोषियों के वकील एपी सिंह ने आरोप लगाया कि दोषियों को परिवार से नहीं मिलने दिया जा रहा है, लेकिन दोषी मुकेश के परिवार ने फांसी से कुछ देर पहले आखिरी मुलाकात की. रात भर चारों दोषियों पर बारीकी से नजर रखी गई, अलग से 15 लोगों की एक टीम तैनात की गई थी.
उधर, फांसी होने के बाद निर्भया की मां ने कहा, यह न केवल हमारे लिए एक खुशी का पल है, बल्कि यह उन सभी परिवारों के लिए भी एक बेहद खुशी का क्षण है, जिनकी बेटी है. निर्भया की मां बोलीं, हमारी बेटी नहीं लौटेगी. जब वह छोड़कर चली गई तब हमने यह लड़ाई शुरू की थी. यह संघर्ष उसके लिए था, लेकिन हम भविष्य में अपनी बेटियों के लिए इस लड़ाई को जारी रखेंगे. मैंने अपनी बेटी की तस्वीर को गले लगाया और कहा 'आखिरकार आपको न्याय मिला.'
यह भी पढ़ें : निर्भया के शरीर पर मिले थे दांतों के गहरे घाव, पुलिस ने इस टेक्नोलॉजी से दोषियों को खोजा था
निर्भया की मां ने कहा, आखिरकार हत्यारों को फांसी दे ही दी गई. यह एक लंबा संघर्ष था. आज हमें न्याय मिला, यह दिन देश की बेटियों को समर्पित है. मैं न्यायपालिका और सरकार को धन्यवाद देती हूं.
निर्भया के साथ हुई इस घटना ने झकझाेर दिया था देश को
16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुई इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था. उसके बाद निर्भया को न्याय दिलाने की मांग करते हुए लोग सड़कों पर उतर आए थे. करीब एक पखवाड़े तक जिंदगी के लिए जूझने के बाद अंतत: सिंगापुर के अस्पताल में निर्भया ने दम तोड़ दिया था. इस मामले में मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह सहित छह व्यक्ति आरोपी बनाए गए. इनमें से एक अवयस्क था. मामले के एक आरोपी राम सिंह ने सुनवाई शुरू होने के बाद तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. अवयस्क को सुनवाई के बाद दोषी ठहराया गया और उसे सुधार गृह भेज दिया गया. तीन साल तक सुधाार गृह में रहने के बाद इस किशोर को 2015 में रिहा कर दिया गया था. दोषी ठहराए गए मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को आज सुबह फांसी दे दी गई.
Source : News Nation Bureau