निर्भया दुष्कर्म मामले (Nirbhaya Gangrape Case) के चार में तीन दोषियों विनय, पवन और अक्षय ठाकुर के वकील ए. पी. सिंह ने शुक्रवार को दिल्ली (Delhi) की एक अदालत का रुख किया है. सिंह ने अदालत में याचिका दायर कर कहा कि तिहाड़ जेल (Tihar Jail) प्रशासन ने अब तक उन्हें संबंधित कागजात उपलब्ध नहीं कराए हैं. निर्भया के दोषी एक फरवरी को होने वाली फांसी से बचने के लिए सभी तरह के हथकंडे अपनाने में लगे हैं. ताजा मामले में वकील ने अदालत (Court) में कहा कि जेल प्रशासन को कागजात प्रदान कराने संबंधी निर्देश जारी किए जाएं, जिससे वह फांसी की सजा पाए दोषियों को शेष कानूनी उपचार (उपचारात्मक याचिका और दया याचिका) उपलब्ध करा सके.
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सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट के समक्ष दायर की गई अपनी याचिका में विनय शर्मा की दया याचिका दायर करने और विनय शर्मा, पवन कुमार गुप्ता व अक्षय कुमार सिंह के लिए दस्तावेजों के अनुरोध के संबंध में अदालत के तत्काल आदेशों की मांग की.
आवेदन में कहा गया, 'कई अनुरोधों के बावजूद विनय शर्मा को दोषी ठहराने से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए हैं. अब दोषियों पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर के लिए इसी तरह के दस्तावेज संबंधित जेलों के अधीक्षकों से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए जाने चाहिए.' गौरतलब है कि अदालत ने हाल ही में दोषियों के खिलाफ मौत का वारंट जारी किया था और उन्हें एक फरवरी को फांसी दिए जाने की तारीख तय की थी.
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बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार में चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया के साथ बेरहमी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी. इसमें छह लोग शामिल थे, जिसमें राम सिंह ने जेल में फांसी लगा ली थी, जबकि एक नाबालिग सजा पूरी कर चुका है. वहीं चार अन्य दोषियों को निचली अदालत, दिल्ली हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट भी फांसी की सजा सुना चुका है.