आतंकवादी अफजल गुरु (Afzal Guru) को फांसी देने के सात साल बाद तिहाड़ जेल ने निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले (Nirbhaya Case) के चारों दोषियों को अब से थोड़ी देर में फांसी दी जाएगी. निर्भया के दोषियों को लटकाने से पहले जेल नियमावली के तहत कई पुतलों को लटका कर देखा गया. गौरतलब है कि 16 दिसम्बर 2012 को 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या करने के मामले में दोषी मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा(26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जानी है. तिहाड़ जेल में पहली बार एक साथ चार लोगों को फांसी दी जाएगी. दक्षिण एशिया की इस सबसे बड़ी जेल में 16,000 से अधिक कैदी हैं.
कैदियों की फांसी से पहले रस्सी की मजबूती जांची गई
जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मेरठ से जल्लाद पवन मंगलवार शाम तिहाड़ जिला प्रशासन के पास पहुंच गया था, ताकि फांसी की तैयारी की जा सके. जेल नियमावली के अनुसार जेल अधीक्षक को फांसी से एक दिन पहले रस्सियों का टिकाऊपन और फांसी के तख्त की मजबूती जांचनी होती है. इसके बाद कैदियों के वजन से डेढ़ गुना ज्यादा भारी पुतलों या रेत के बैग को रस्सी की मजबूती जांचने के लिए 1.830 मीटर और 2.440 मीटर की ऊंचाई से फेंका जाता है.
चारो कैदियों की बेचैनी बढ़ी
दरअसल निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने फांसी रुकवाने के लिए गुरुवार देर रात 9 बजे दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की. इसमें कई मामलों का हवाला देते हुए उन्होंने फांसी रुकवाने की मांग की. जिसे कोर्ट ने अंत में खारिज कर दिया. तिहाड़ जेल के सुत्रों के मुताबिक निर्भया के दोषियों ने शाम को सामान्य भोजन किया. लेकिन जब उन्हें पता चला कि उनकी याचिका खारिज हो गई है तो वह बेचैनी के साथ घूमने लगे. सूत्रों का कहना है कि इस मौके पर चारों के चेहरे पर मौत का खौफ साफ-साफ दिखा.
Source : News Nation Bureau