निर्भया के हत्यारे फांसी से एक दिन पहले रात को सो नहीं पाए. फांसी से ऐन वक्त पहले चारों दोषियों ने बेचैनी में आखिरी वक्त गुजारे. चारों हत्यारों ने अपनी आखिरी इच्छा भी नहीं बताई. जिस सेल में ये दोषी थे, वहां से सीधे रास्ता फांसी दिए जाने वाली जगह पर ले जाया गया. फांसी से पहले चारों दोषियों में से सिर्फ मुकेश और विनय ने ही रात का खाना खाया, लेकिन पवन और अक्षय ने खाना नहीं खाया. फांसी से पहले दोषियों के वकील एपी सिंह ने आरोप लगाया कि दोषियों को परिवार से नहीं मिलने दिया जा रहा है, लेकिन दोषी मुकेश के परिवार ने फांसी से कुछ देर पहले आखिरी मुलाकात की. रात भर चारों दोषियों पर बारीकी से नजर रखी गई, अलग से 15 लोगों की एक टीम तैनात की गई थी.
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बता दें कि शुक्रवार को निर्भया के चारों हत्यारों को 7 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद फांसी पर लटका दिया गया. तिहाड़ जेल में डेथ वारंट में तय समय के अनुसार सुबह ठीक 5:30 बजे पवन जल्लाद ने फांसी का लीवर खींच दिया. लीवर खिंचते ही निर्भया के हत्यारे फंदे पर लटक गए. साथ ही फांसी की प्रक्रिया पूरी हो गई. तिहाड़ जेल के डीजी ने फांसी होने की बात कही. आधे घंटे तक डेड बॉडी लटके रहे. डॉक्टर की ओर से मौत की पुष्टि होने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा. अब चारों हत्यारों की डेड बॉडी का पोस्टमार्टम कराया जाएगा.
इससे पहले कैदियों के चेहरों को ढककर फांसी के तख्ते के पास ले जाया गया. इसका मकसद है कि कैदियों को फांसी का फंदा दिखाई ना दे. फिर उन्हें तख्ते पर ले जाया गया और फंदे के नीचे खड़ा कर दिया गया. पवन जल्लाद कैदियों को फांसी के तख्ते तक ले गया. साथ में हेड वार्डर के अलावा 6 वार्डर भी मौजूद रहे. दो वार्डर कैदी के आगे तो दो कैदी के पीछे-पीछे रहे. फांसी देने से पहले जेल सुपरिंटेंडेंट ने हत्यारों को डेथ वारंट पढ़कर सुनाया.
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फांसी के बाद निर्भया की मां बोलीं, 7 साल की लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार इंसाफ मिला. इस केस में एक-एक कर याचिकाएं डाली गईं, उससे हमारे कानून की खामियां सामने आईं. इसके साथ ही उन्होंने कहा- मुझे गर्व है कि मैं निर्भया की मां हूं. बेटियों को इंसाफ के लिए मेरी लड़ाई जारी रहेगी.
Source : Avneesh Chaudhary