राहुल गांधी के आरोपों को लेकर सरकार ने बड़ा पलटवार किया है. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, राफेल डील को लेकर सभी झूठ का जवाब दे दिया गया है. पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी सदन में अपने बयान में साफ किया था राफेल मामले में कुछ भी गलत नहीं हुआ है. सीतारमण ने कहा कि तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रक्षा मंत्रालय के नोट पर कहा था कि कोई चिंता की बात नहीं है. सीतारमण ने कहा, राहुल गांधी झूठे आरोप लगा रहे हैं.
Defence Minister Nirmala Sitharaman in Lok Sabha: Then Defence Minister Manohar Parrikar ji replied to that MoD note that remain calm, nothing to worry, everything is going alright. Now, what do you call the NAC led by Sonia Gandhi's interference in earlier PMO? What was that? pic.twitter.com/jB4z5kJCd3
— ANI (@ANI) February 8, 2019
सीतारमन ने कहा, 'तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रक्षा मंत्रालय के नोट पर कहा था कि कोई चिंता की बात नहीं है, सबकुछ सही हो रहा है. सोनिया गांधी के नेतृत्व में जो NAC थी वह PMO में दखल दे रही थी? वह क्या था.' उन्होंने कहा, 'मैंने सदन में दिए गए अपने जवाब में भी सारी चीजें साफ है. डील पर पीएमओ के एनक्वायर को हस्तक्षेप नहीं कहा जा सकता.' रक्षा मंत्री ने कहा, 'वे मरे घोड़े पर चर्चा कर रहे हैं. वे मल्टी नैशनल कॉरपोरेशन के साथ खेल रहे हैं. वे भारत की वायुसेना को मजबूत नहीं होने देना चाहते हैं.'
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद में पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण की अगली सुबह ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया था. राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने डील में चोरी की है. राहुल ने एक अखबार में छपी रिपोर्ट के हवाले से दावा किया कि इस डील में सीधे-सीधे पीएम शामिल थे.
ANI accesses the then Defence Minister Manohar Parrikar’s reply to MoD dissent note on #Rafale negotiations. "Defence Secretary (G Mohan) may resolve the matter in consultation with Principal Secretary to PM" pic.twitter.com/yXGQJNiDvB
— ANI (@ANI) February 8, 2019
बता दें कि शुक्रवार को The Hindu अखबार में प्रकाशित खबर में दावा किया गया था कि भारत और फ्रांस के बीच हुई राफेल डील के दौरान रक्षा मंत्रालय ने पीएमओ द्वारा फ्रांस से 'समानांतर' बातचीत का विरोध किया था. राहुल ने 24 नवंबर 2015 का रक्षा मंत्रालय का एक नोट दिखाकर पीएम पर हमला बोला. उधर, तत्कालीन डिफेंस सेक्रटरी जी मोहन कुमार ने भी तत्काल सफाई देते हुए कहा कि जो भी मीडिया रिपोर्ट प्रकाशित हुई है उसका राफेल डील में कीमतों से कुछ लेना-देना नहीं था.