रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 'वन रैंक वन पेंशन' (ओआरओपी) के लागू होने के तीन वर्ष पूरे होने पर इस साल उसकी समीक्षा की जाएगी. उन्होने कहा कि अगर कहीं कोई कमी पाई गई तो उसे दूर किया जाएगा. रक्षा मंत्री ने यहां आयोजित शौर्य सम्मान समारोह में शहीद सैनिकों की पत्नियों और माताओं का सम्मान करने के बाद कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने ओआरओपी स्वीकृत करने के बाद इसके लिये पर्याप्त बजटीय प्रावधान भी किये.
उन्होंने कहा कि अभी तक ओआरओपी के तहत 35 हजार करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं और अंतरिम बजट में प्रति वर्ष आठ हजार करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान भी किया गया है. निर्मला ने कहा कि इस योजना के अब तीन वर्ष पूरे होने वाले हैं और इस वर्ष इसकी समीक्षा की जाएगी और कोई कमी पाये जाने पर उसे दूर भी किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के शहीदों की पत्नियों और माताओं से मिलकर उन्हें सदैव प्रेरणा मिलती है. उन्होंने कहा कि सैनिक हर परिस्थिति में देश के लिए खड़े होते हैं और देश रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों के प्रति हम सभी सदैव कृतज्ञ रहेंगे.
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देश में 70 वर्ष बाद भी एक भी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक न होने का जिक्र करते हुए निर्मला ने कहा कि केंद्र सरकार ने फरवरी में राष्ट्रीय समर स्मारक बनाकर देश को समर्पित किया है और यह हमारे शहीद सैनिकों की स्मृति को संजोए रखने का प्रयास है.
उन्होंने कहा कि शार्ट सर्विस कमीशन एसएससी में महिलाओं को पुरूषों के समान ही स्थायी कमीशन मिलेगा तथा देश में 200-200 बिस्तर के तीन बड़े ईसीएचएस (एक्स सर्विसमैन कन्ट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम) अस्पताल बनाए जाएंगे. सम्मान समारोह में केंद्रीय मंत्री ने शहीदों की पत्नियों और माताओं के पैर छूकर देश की ओर से कृतज्ञता प्रकट की.
कार्यक्रम में मौजूद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में पूर्व सैनिक कल्याण निदेशालय की भांति ही अर्धसैनिक कल्याण निदेशालय भी बनाए जाने की घोषणा की.
Source : PTI