अयोध्या जमीन विवाद बरसों से चला आ रहा है. अयोध्या में गैरविवादित भूमि मुक्त करने के केंद्र सरकार की अपील पर निर्मोही अखाड़ा ने अड़गा लगा दिया है. उन्होंने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अधिग्रहित भूमि को न छोड़ने की अपील की है.
बता दें कि केंद्र सरकार का कहना है कि 67 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया गया था, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है. जमीन का विवाद सिर्फ 2.77 एकड़ का है, बाकी जमीन पर कोई विवाद नहीं है. इसलिए उस पर यथास्थित बरकरार रखने की जरूरत नहीं है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर इस गैरविवादित भूमि को छोड़ने की अपील की थी.
निर्मोही अखाड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की इस याचिका का विरोध किया है. अखाड़ा का कहना है कि सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण करने से कई मंदिर नष्ट हो जाएंगे, जिनका संचालन अखाड़ा करता है, इसलिए उसने अदालत से विवादित भूमि पर फैसला करने के लिए कहा है.
वहीं, रामजन्म भूमि न्यास पहले ही सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर गैर विवादित जमीन को उसके मालिकों को लौटाने की मांग रख चुका है. इस्माइल फारुखी फैसले में सुप्रीम कोर्ट खुद कह चुका है कि इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद गैर विवादित जमीन को उनके मालिकों को लौटाने पर विचार कर सकती है. इस अर्जी में सरकार का कहना है कि इलाहाबाद HC का फैसला आ चुका है. मुख्य भूमि विवाद SC में पेंडिंग है. लिहाजा गैर विवादित जमीन को कब्जे में रखने का कोई औचित्य नहीं है. उसे उनके मालिकों को लौटा देना चाहिए.
Source : News Nation Bureau