उत्तर प्रदेश में साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी करते हुए सभी सियासी दलों ने बिगुल फूंक दिया है. विधानसभा चुनावों को सियासी गति देने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में तैयारियां शुरु कर दी हैं. बीजेपी ने यूपी में छोटे दलों को साधना भी शुरू कर दिया है. दिल्ली में मंगलवार को निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी जिसके बाद प्रदेश के गलियारों में तरह-तरह की सियासी चर्चा होनी शुरु हो गई है. इसके पहले बीजेपी ने सीएम योगी के नेतृत्व में एक बार फिर से यूपी विधानसभा चुनाव की कमान सौंप दी है.
सियासी गलियारों में ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि निषाद पार्टी के मुखिया और जेपी नड्डा की मुलाकात सकारात्मक रही. पार्टी के मुखिया संजय निषाद ने कहा कि, हमने निषाद समाज के आरक्षण निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को सम्मान और कैबिनेट विस्तार पर चर्चा की है. हमें उम्मीद है कि बीजेपी सभी मांगों को मानेगी. हमारा संघर्ष 70 साल से चल रहा है, हम कुछ वक्त और बीजेपी को दे सकते हैं. आपको बता दें कि निषाद पार्टी के अलावा एनडीए के एक और घटक दल जनता दल एस की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल भी प्रदेश के नेताओं के अलावा केंद्रीय नेतृत्व से भी सरकार में भागीदारी और आगामी चुनाव के बारे सीटों के बंटवारे जैसे मुद्दों पर चर्चा कर चुकी हैं.
सियासी शतरंज की चाल मंत्री पद मिला तो नहीं चाहिए होंगी अधिक सीटें
डॉ निषाद ने कहा कि अगर उन्हें सम्मान मिल जाता है, तो निषाद समाज उन्हें ही अपना नेता मानता है, फिर हमें ज्यादा विधानसभा सीटों की दरकार नहीं है. वरना तकरीबन डेढ़ सौ सीटें हैं जहां निषाद समाज का वोट है, 70 सीटों पर तो 70000 से ज्यादा हमारे वोटर हैं, लेकिन अगर इशारों में मंत्री पद मिला तो कम सीटों पर भी बने रहेंगे गठबंधन के साथी.
संजय निषाद ने दिखाया बीजेपी को आईना
जब गोरखपुर में हुए उपचुनाव में हमारे लोगों ने बीजेपी के खिलाफ वोट किया था तब आप उसका नतीजा देख सकते हैं. पंचायत चुनाव में भी निर्दलीय नंबर एक पर रहे सपा बसपा नंबर दो और तीन पर जबकि भाजपा नंबर चार पर रही. हम निर्दलीयों में आते हैं हमारी ताकत को हल्के में नहीं रखा जा सकता.
Source : News Nation Bureau