कोरोना काल यानी 2019 के बाद नीति आयोग की रविवार को अहम बैठक हुई. पीएम नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी के साथ लगभग सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया, लेकिन तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए. हालांकि, इस बार नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मौजूद हैं तो वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने इस बैठक का बहिष्कार किया है. नीति आयोग की बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के विकास का लेखाजोखा पेश किया है.
नीति आयोग की सातवीं बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डिजिटल एग्रीकल्चर, फसल विविधीकरण, दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भरता को लेकर चर्चा हुई. राष्ट्रीय शिक्षा नीति, शहरी प्रशासन को लेकर भी चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में डिजिटाइल्ड कृषक डेटाबेस में 3.3 करोड़ कृषक रजिस्टर्ड हैं. पिछले 5 वर्षों में किसानों को लगभग 3.5 करोड़ रुपये विभिन्न योजनाओं में वितरित हुए. स्कूल चलो अभियान के तहत 5 वर्षों में 60 लाख से ज्यादा छात्र नामांकन में वृद्धि हुई.
उन्होंने नीति आयोग की बैठक में विकास की तस्वीर पेश की. साथ ही कृषि, शिक्षा और नगर विकास क्षेत्रों में हुए विकास का लेखा-जोखा पेश किया गया. प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर का आकार देने की दिशा में उठाए गए कदमों का भी सीएम ने जिक्र किया. प्रदेश में नई शिक्षा नीति को क्रियान्वित करने की प्रगति का ब्योरा भी बैठक में साझा किया गया.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने शनिवार को ही नीति आयोग की बैठक में शामिल न होने की बात कह दी थी तो वहीं कुछ योजनाओं के लिए केंद्र से सहायता न मिलने से मुख्यमंत्री केसीआर नाराज हैं. ये मामला काकतीय योजना और मिशन भगीरथ स्कीम से जुड़ा हुआ है, जिसमें केंद्र सरकार की तरफ से कोई फंडिंग नहीं की गई है. अब तक हुई बैठक में जो बात निकालकर सामने आ रही है उसमें देश के अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ प्रभावित इलाकों और उससे हुए नुकसान पर पीएम और मुख्यमंत्रियों के बीच चर्चा हुई. वहीं, प्रदेशों के साथ बातचीत में कृषि, शिक्षा, अर्थव्यवस्था पर चर्चा हुई, जिसमें प्रदेशों की भागीदारी और नीति आयोग के सुझाव पर चर्चा हुई.
Source : News Nation Bureau