दिल्ली में रविवार को हुई नीति आयोग की बैठक में विपक्ष की एकता देखने को मिली। बैठक में गैर-बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र को राज्यों के मामले में बेवजह हस्तक्षेप करने पर चेताया।
उन्होंने केंद्र पर संघीय ढांचे को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसे सहकारी संघवाद (कोऑपरेटिव फेडरलिजम) का पालन करना चाहिए। बैठक में विपक्ष ने एकजुट होकर केंद्रीय धन के आवंटन और 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट जैसे मुद्दों पर एनडीए सरकार का जबरदस्त घेराव किया।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बैठक के बाद कहा, 'मेरे ख्याल से केंद्र को सहकारी संघवाद का पालन करना चाहिए और राज्य के मामलों में बेवजह दखल करना बंद कर देना चाहिए। केंद्र को सहकारी संघीय ढांचे को मजबूत बनाना चाहिए न कि कमजोर।'
उन्होंने नीति आयोग के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा कि यह राज्यों के लिए कुछ नहीं करता है।
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गौरतलब है कि ममता ने केंद्र पर यह हमला दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एलजी के साथ ताजा विवाद और उसको लेकर धरने पर बैठने से था।
वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने अपने संबोधन में पन्द्रहवें वित्त आयोग की योजना को लागू करने के लिए केंद्र की तरफ से 50 प्रतिशत मदद की मांग की।
इससे पहले पीएम मोदी ने नीति आयोग के अपने संबोधन में सहकारी और प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद को देश के विकास की चाभी बताया।
आपको बता दें कि नीति आयोग की इस बैठक में विपक्षी नेताओं की इन कोशिशों को 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा बनाने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।
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Source : News Nation Bureau