सादगी की मूर्ति गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर हर कोई दुखी है. हाफ शर्ट में अक्सर दिखने वाले पर्रिकर को एक बार बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने उनके कपड़ों के लिए टोका तो उनका जवाब भी बेहद सादगी भरा था. आईआईटी इंजीनियर होने बाद भी उनका व्यवहार बहुत ही साधारण था. मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने कपड़े पहनने का ढंग नहीं बदला. अपना स्वभाव नहीं बदला. और रक्षा मंत्री बनने के बाद भी वो वैसे ही रहे. जब मनोहर दिल्ली में आए तो मैंने उनसे कहा कि अपने कपड़े बदलो... यहां बहुत ठंड होती है, हाफ शर्ट में दिल्ली नहीं चलती. तो उन्होंने कहा मैं ऐसे ही रहूंगा.
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केंद्रीय मंत्री गडकरी ने पर्रिकर के साथ बिताए समय को भी याद करते हुए कहा कि अभी पणजी में महीना भर पहले ही बहुत बड़ा पुल बना है, तो उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है कि इस पुल का उद्धाटन करने के लिए आप आएं. यह मेरी जिंदगी का ऐसा कार्यक्रम है, जिसमें मैं जाना चाहता हूं, जबकि उन्होंने कहा था कि ये मेरा आखिरी कार्यक्रम है. उस कार्यक्रम में वो कुर्सी पर बैठकर आए और दो मिनट तक उन्होंने भाषण दिया. उद्घाटन हुआ और वो चले गए. तब मैं मन ही मन कह रहा था कि शायद मनोहर का ये आखिरी कार्यक्रम होगा. और वो हमें छोड़कर चले गए.
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पर्रिकर जी के निधन से देश और बीजेपी को बहुत नुकसान हुआ है. उन्होंने अपना पूरा जीवन गोवा और बीजेपी को समर्पित किया था. बता दें कि रविवार शाम को मनोहर पर्रिकर का निधन हो गया. वह 63 साल के थे. पर्रिकर एडवांस्ड पैंक्रियाटिक कैंसर से ग्रस्त थे, जिसका पता पिछले साल फरवरी में चला था.
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पर्रिकर को याद करते हुए गडकरी भावुक हो गए. उन्होंने कहा, मनोहर पर्रिकर जी केवल राजनीतिक नेता के रूप में नहीं थे. जब मुझे बीजेपी ने गोवा की जिम्मेदारी सौंपी तब मैंने मनोहर पर्रिकर, श्रीपद नाइक, संजीव देसाई और दिगम्बर कामत इन चारों लोगों की टीम में उनके साथ काम किया. मैंने उनकी जीवन की राजनीति की शुरुआत देखी है.
Source : News Nation Bureau