Nitin Gadkari: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को दुनिया की पहली ऐसी कार को लॉन्च किया जो पूरी तरह से वैकल्पिक ईंधन इथेनॉल से चलेगी. टोयोटा की इनोवा कार फ्लेक्स-फ्यूल इंजन से लैस है. जिसे इनोवा हाईक्रॉस नाम दिया गया है. मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री गडकरी की अध्यक्षता में एक कार्यक्रम में आधिकारिक तौर पर इस कार को लॉन्च किया गया. ये कार इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स-फ्यूल पर आधारित है जो वैकल्पिक ईंधन का इस्तेमाल कर चलेगी. यानी ये कार खुद इलेक्ट्रिक पावर जेनरेट कर सकती है इसके बाद ये ईवी मोड पर भी चल सकती है.
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इलेक्ट्रिकफाइिड इनोवा हाईक्रॉस फ्लेक्स-ईंधन एक प्रोटोटाइप है. जो लेटेस्ट उत्सर्जन मानक भारत स्टेज 6 (स्टेज 2) के अनुकूल डिजाइन की गई है. इस कार को टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने भारत में ही विकसित किया है जो 40 फीसदी इथेनॉल और 60 प्रतिशत इलेक्ट्रिक एनर्जी से चलेगी. वैकल्पिक ईंधन और वायु प्रदूषण की रोकथाम की दिशा में ये कार बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी.
जानिए क्या है Toyota Innova Ethanol में खास
बता दें कि इस नई कार में 60 प्रतिशत इलेक्ट्रिफाइड एनर्जी और 40 प्रतिशत बायो इथेनॉल का इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे फ्लेक्स फ्यूल के चलते कार के माइलेज में जो कमी आएगी उसकी भरपाई की जा सकती है. जो अपने आप में दुनिया की पहली कार है. जिसमें ओल्ड स्टार्ट सिस्टम लगाया गया है, जिसके चलते इस कार का इंजन माइनस 15 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान में भी आसानी से काम कर सकेगा. बता दें कि इथेनॉल ज्यादा वाटर ऑब्जर्व करता है, जिससे इंजन कंपोनेंट में जंग लगने का खतरा अधिक रहता है. हालांकि, इस कार में इस्तेमाल होने वाला इंजन पूरी तरह से मेड-इन-इंडिया है, इसमें इस्तेमाल किए गए कंपोनेंट्स पूरी तरह से वॉटर रेजिस्टेंट हैं, इसलिए इसमें जंग लगने का खतरा बिल्कुल नहीं है. फिलहाल इस कार का प्रोटोटाइप तैयार किया गया है, जल्द ही इसका प्रोडक्शन मॉडल भी सामने आ जाएगा.
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जानिए क्या होता है फ्लेक्स फ्यूल
बता दें कि फ्लेक्स फ्यूल एक खास तरह की तकनीकी है जिससे वाहनों में 20 फीसदी से ज्यादा इथेनॉल का इस्तेमाल किया जा सकता है. दरअसल, फ्लेक्स फ्यूल, गैसोलीन (पेट्रोल) और मेथनॉल या इथेनॉल के मिश्रण से बना एक वैकल्पिक ईंधन है. जिसका इस्तेमाल पेट्रोल और डीजल की जगह किया जा सकता है. वहीं फ्लेक्स-ईंधन वाले वाहन के इंजन एक से अधिक तरह के ईंधन से चलने में सक्षम होते हैं. गौरतलब है कि ये कोई पहली टेक्नोलॉजी नहीं है जो इसका इस्तेमाल 1990 के दशक में पहली बार किया गया था.
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कैसे होता है फ्लेक्स फ्यूल का निर्माण
बता दें कि फ्लेक्स फ्यूल का उत्पादन भारत में आसानी से किया जा सकता है. क्योंकि इसे गन्ना, मक्का जैसे उत्पादों से तैयार किया जाता है. वहीं ये दोनों फसलें भारत में पर्याप्त मात्रा में पैदा होती है. गन्ना और मक्का से बनने की वजह से इसे अल्कोहल बेस फ्यूल भी कहा जाता है. इस फ्यूल को बनाने में स्टार्च और शुगर फर्मेंटेशन होता है. जो पेट्रोल के मुकाबले काफी सस्ता होता है. अगर पेट्रोल की कीमत 100 रुपये है तो इथेनॉल के दाम मात्र 60 से 70 रुपये के बीच होंगे.
HIGHLIGHTS
- नितिन गडकरी ने लॉन्च की इनोवा हाईक्रॉस कार
- वैकल्पिक ईंधन से चलेगी ये कार
- इथेनॉल से चलने वाली दुनिया की पहली कार है ये
Source : News Nation Bureau