Nitin Gadkari on Election: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपने बेबाकी के लिए जाने जाते हैं. एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बेहद रोचक किस्सा सुनाकर सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया. उन्होंने खुद का चुनावी किस्सा सुनाया और कहा कि कैसे वे एक-एक किलो मटन बांटने के बाद भी चुनाव हार गए थे. उन्होंने कहा कि वोटर काफी होशियार होते हैं. वे माल सबका खा लेते हैं, मगर वोट उसी को देते हैं, जिन्हें उन्हें देना होता है. दरअसल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे. उन्होंने बताया कि चुनाव में लोग पोस्टर लगाकर, खिला-पिलाकर जीतकर आते हैं.
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद की ओर से आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आए थे. उन्होंने कहा कि लोग चुनाव में पोस्टर लगाकर, खिला-पिलाकर जीतने की कोशिश करते हैं. मगर इसमें उनका बिल्कुल विश्वास नहीं है. उन्होंने कहा कि वे कई चुनाव लड़ चुके हैं. हर रह के प्रयोग कर चुका हूं. उन्होंने एक बार एक प्रयोग किया था. घरों में मैंने एक-एक किलो सावजी मटन घरों में पहुंचाया था. जिसमें हम चुनाव हार गए.
गडकरी ने कहा कि मतदाता बहुत ही होशियार होता है. लोग ये बोलते हैं कि जो दे रहा है, उसे खा लेना चाहिए. मगर वोट उसे ही दो, जिसे देना होता है. उन्होंने कहा, जब आप लोगों पर विश्वास पैदा करते हो, तभी वे भी विश्वास करते हैं. इसमें किसी तरह के पोस्टर बैनर की आवश्यकता नहीं होती है. वोटर को किसी भी लालच की जरूरत नहीं होती है. उसको आप पर विश्वास रखना होता है. गडकरी के अनुसार, होर्डिंग्स लगाने या मटन पार्टी देने से कोई चुनाव जीता नहीं जा सकता है. जनता का विश्वास और प्यार को बनाए रखना चाहिए. चुनाव के दौरान प्रलोभन दिखाने के बजाय लोगों के दिलों में प्यार और विश्वास बढ़ाएं.
नितिन गड़करी ने कहा, कि अकसर लोग कहते हैं कि सर MP का टिकट दे दो. अगर नहीं तो MLA का टिकट सही. नहीं तो MLC ही बना दो. अगर ये नहीं तो आयोग दे दो. अगर ये नहीं तो मेडिकल कॉलेज दे दो. मेडिकल कॉलेज नहीं तो इंजीनियरिंग कॉलेज या फिर Bed कालेज को दे दो. अगर ऐसा नहीं हो सकता तो कि कोई प्राइमरी स्कूल दे दीजिए. गडकरी ने कहा, इस तरह से देश नहीं बदल सकता है.