तीन राज्यों के विधानसभा में मिली हार के बाद बीजेपी में विरोध के सुगबुगाहट दिखने लगी है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि नेतृत्व को हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. पुणे में शनिवार को नितिन गडकरी एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए इस बात को कहा. नितिन गडकरी ने कहा कि नेतृत्व को हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. जब तक ऐसा नहीं होता है तब तक संगठन के प्रति उसकी निष्ठा और प्रतिबद्धता साबित नहीं होती है.'
उन्होंने आगे कहा कि सफलता के कई पिता होते हैं, लेकिन विफलता अनाथ होती है. जब भी सफलता मिलती है को उसका श्रेय लूटने की होड़ मच जाती है, लेकिन जब विफलता होती है तो हर कोई एक दूसरे पर उंगली उठाना शुरू कर देता है.
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बता दें कि नितिन गडकरी अपने काम और बेबाक बोल के लिए जाने जाते हैं. कुछ दिन पहले गडकरी ने कहा था कि बीजेपी के कुछ नेताओं को काम देने की जरूरत है, ताकि वो काम करने में ज्यादा ध्यान दे ना कि बोलने में. उन्होंने कहा कि हमारे पास इतने नेता हैं, और हमें उनके सामने (टीवी पत्रकारों) बोलना पसंद है, इसलिए हमें उन्हें कुछ काम देना है.
इतना ही नहीं जब पत्रकारों ने नितिन गडकरी से पूछा कि क्या आप 2019 में प्रधानमंत्री का चेहरा हो सकते हैं, तो उन्होंने कहा,' बिल्कुल भी नहीं, मैं जहां हूं वहां खुश हूं.'
Source : News Nation Bureau