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War Zone में अकेले न रहें- सलाह मानें, विशेषज्ञों ने बताया- यूक्रेन में फंसे भारतीय ऐसे बचें

लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सुधाकर जे. ने कहा कि फोन की बैटरी बचाना महत्वपूर्ण है. कोई व्यक्ति कभी भी संपर्क से बाहर न हो. भोजन और पानी की आपूर्ति सीमित होती है. इसका संरक्षण भी जरूरी है.

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Keshav Kumar
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Ukraine

युद्धग्रस्त क्षेत्र में किस तरह सुरक्षित रहें( Photo Credit : News Nation)

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रूस- यूक्रेन में जारी युद्ध में फंसे भारतीयों (Indians trapped in Ukraine) को सुरक्षित रहने और सही सलामत वतन वापसी के लिए केंद्र सरकार लगातार कोशिश कर रही है. सरकार की ओर से सोशल मीडिया समेत कई प्लेटफॉर्मों पर वीडियो अपलोड कर यह बताया जा रहा है कि युद्धग्रस्त क्षेत्र (War Zone) में वह किस तरह खुद सुरक्षित रहें और अपनों की सुरक्षा में मदद करें. देश के सार्वजनिक प्रसारक दूरदर्शन (Public Broadcaster Doordarshan) ने युद्धग्रस्त क्षेत्रों में मिसाइल हमलों और गोलाबारी के बीच सुरक्षित रहने के तरीकों के बारे में सेना के पूर्व जनरलों के साक्षात्कार लिए हैं. उन्होंने अपने अनुभवों के जरिए बताया कि लोग अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी कैसे अच्छे से निभा सकते हैं.

भारतीय थलसेना (Indian Army) की 15 कोर का नेतृत्व कर चुके लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सतीश दुआ ने बताया कि युद्ध क्षेत्र में सूचना का अभाव सबसे बड़ी चुनौती होता है. इसके चलते अफवाहें फैलती हैं. उन्होंने लोगों से इससे बचने और अधिकृत सूचनाओं पर ही भरोसा करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि बंकरों, बेसमेंट या बम निरोधक स्थानों में से जो कुछ भी उपलब्ध हो, उसमें रहना बेहतर है. भोजन लेने के लिए भी बाहर जाना खतरनाक हो सकता है. 

युद्ध क्षेत्र में अनुशासन बनाए रखने की सलाह

लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सुधाकर जे. ने कहा कि फोन की बैटरी बचाना महत्वपूर्ण है. कोई व्यक्ति कभी भी संपर्क से बाहर न हो. भोजन और पानी की आपूर्ति सीमित होती है. इसका संरक्षण भी जरूरी है. साथ ही इसको आपस में बांटकर और ज्यादा जरूरतमंद को पहले के आधार पर इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि युद्ध क्षेत्र के आम लोगों को समूह में रहने और अनुशासन बनाए रखने की सलाह दी जाती है.

सैन्य प्रतिष्ठानों के पास रहने से बचना चाहिए

पूर्व सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल एस. ए. हसनैन ने कहा कि युद्ध क्षेत्रों में फंसे लोगों को कोशिश करनी चाहिए कि वे कभी अकेले न रहें. उन्होंने कहा कि हर संभव कोशिश करके समूहों में रहना चाहिए. 15 कोर के पूर्व कमांडर हसनैन ने बताया कि कम से कम दो लोगों को एक साथ होना चाहिए और जोड़े बनाने चाहिए ताकि वे अकेला महसूस न करें और खो न जाएं. उन्होंने खास तौर पर हिदायत दी कि युद्ध क्षेत्रों में सैन्य प्रतिष्ठानों के पास रहने से बचना चाहिए. क्योंकि विरोधी ताकतों की ओर से मिसाइल हमलों और गोलाबारी का मुख्य लक्ष्य होते हैं.

ये भी पढ़ें - हम भारत से हैं..., यूक्रेन में फंसे अपनों के लिए रक्षा मंत्रालय की एडवायजरी

HIGHLIGHTS

  •  बंकरों, बेसमेंट या बम निरोधक स्थानों में उपलब्ध हो, उसमें ही रहना बेहतर
  • भोजन और पानी की आपूर्ति सीमित होती है, युद्ध क्षेत्र में इसका संरक्षण जरूरी
  •  युद्ध क्षेत्रों में फंसे लोगों को कोशिश करनी चाहिए कि वे कभी अकेले न रहें
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