केंद्र सरकार एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश में लगी हुई है लेकिन अब तक किसी भी प्राइवेट कंपनी ने इसके लिए बोली नहीं लगाई है। एविएशन सेक्रेटरी आरएन चौबे ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।
चौबे ने बताया कि अब तक एयर इंडिया के लिए कोई भी बोली नहीं मिली है। इसके बावजूद हम एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (EOI) जमा करने की तारीख को आगे नहीं बढ़ाएंगे।
बता दे कि पहले बोलियां लगाने की तारीख 14 मई थी जिसे बढ़ाकर 31 मई किया गया था।
केंद्र सरकार घाटे में चल रही विमानन कंपनी एयर लाइंस की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती है। एयर इंडिया पर हजारों करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है।इससे पहले इंडिगो ने खुद को एयर इंडिया की हिस्सेदारी में बोली लगाने से अलग कर लिया था। हालांकि इंडिगो पहली एयरलाइन थी, जिसने पिछले साल एयर इंडिया को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी।
वहीं एयर इंडिया विनिवेश प्रक्रिया से विमानन कंपनी जेट एयरवेज ने भी खुद को अलग कर लिया है।
एयर इंडिया पिछले लगभग एक दशक से घाटे में चल रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कंपनी पर कर्ज बढ़कर 7.67 अरब डॉलर (लगभग 49 हजार करोड़ रुपए) हो चुका है।
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Source : News Nation Bureau