पश्चिम बंगाल (West Bengal) में चुनावी रैलियों में कोरोना प्रोटोकॉल (Corona Protocol) के उल्लंघन पर केंद्रीय निर्वाचन आयुक्त (CEC) ने सर्वदलीय बैठक आहूत की है. इस बीच यह कयासबाजी भी तेज हो गई कि बढ़ते कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण के चलते राज्य में शेष चार चरणों के चुनाव के एक साथ हो सकते हैं. हालांकि इन कयासों पर पूर्णविराम लगाते हुए चुनाव आयोग ने दो-टूक कहा है कि बंगाल में शेष चरणों के चुनाव अपने तयशुदा कार्यक्रम के आधार पर ही होंगे. चुनाव आयोग ने गुरुवार को कहा कि बंगाल में बचे हुए आखिरी चार चरणों के चुनाव को एक साथ कराने की कोई योजना नहीं है.
कल होगी चुनाव प्रचार पर सर्वदलीय बैठक
इस बीच कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर चुनाव प्रचार को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग ने 16 अप्रैल को एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है. इस बैठक में सभी दलों से चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने को लेकर दिशा-निर्देश दिया जा सकता है. इसके साथ-साथ इस बैठक में वर्चुअल चुनाव प्रचार पर भी चर्चा होने की संभावना है. हालांकि, चुनाव आयोग की ओर से इस संबंध में कोई जानकारी सामने नहीं आई है. यह अलग बात है कि इस बैठक से पहले बंगाल की लेफ्ट पार्टियों ने चुनावी सभाओं को लेकर खुद ही कोरोना प्रोटोकॉल के तहत नियम तय कर लिए हैं.
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कुल आठ चरणों में हो रहा है मतदान
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में अभी तक चार चरणों के लिए वोट डाले जा चुके हैं. पहले चरण के लिए राज्य की 30 जिलों की विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को वोटिंग हुई थी. दूसरे चरण के लिए 1 अप्रैल को, तीसरे चरण के लिए 6 अप्रैल को और चौथे चरण के लिए 10 अप्रैल को वोट डाले गए. अब पांचवे चरण के लिए 17 अप्रैल को वोटिंग है. इस चरण के लिए आज चुनाव प्रचार भी थम गया. इसके बाद छठवें चरण के लिए 22 अप्रैल को, सातवें चरण के लिए 26 और आठवें चरण के लिए 29 अप्रैल को वोटिंग होनी है.
HIGHLIGHTS
- कयास थे कि शेष चरणों के चुनाव एक साथ हो सकते हैं
- इस पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने गुरुवार को जारी की सफाई
- कल होनी है चुनाव प्रचार पर सर्वदलीय बैठक