सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में कोई बिजली संकट नहीं है और चालू वर्ष के दौरान व्यस्ततम अधिकतम मांग की तुलना में स्थापित उत्पादन क्षमता दोगुनी है. लोकसभा में जुएल उरांव के प्रश्न के लिखित उत्तर में विद्युत एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान व्यस्ततम अधिकतम मांग लगभग 183 गीगावाट थी जबकि देश में संस्थापित उत्पादन क्षमता लगभग 365 गीगावाट है जो व्यस्ततम मांग की दोगुनी है.
उन्होंने कहा, ‘‘ देश में कोई विद्युत संकट नहीं है.’’ सिंह ने कहा कि राज्य अपनी मांग अपने उत्पादन स्रोतों तथा केंद्रीय उत्पादन स्टेशनों से अपने हिस्से से पूरा करते हैं. दीर्घकालीन विद्युत क्रय करारों के अतिरिक्त राज्यों के पास पावर एक्सचेंजों से किसी भी समय बिजली खरीदने का विकल्प है तथा बिजली की मांग पूरी तरह से पूरी कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रकार से पर्याप्त बिजली उपलब्ध है तथा राज्य/वितरण कंपनियां जितनी बिजली की जरूरत है, उतनी बिजली ले सकती हैं.
Source : Bhasha