लद्दाख (Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है. सीमा विवाद और गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद चीन के खिलाफ पूरे देश में आक्रोश है. देश में जगह-जगह चीनी सामान के बहिष्कार और चीन सरकार के विरोध में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. देश के कोने-कोने से चीनी सामान के बहिष्कार की मांग उठ रही है. इस बीच दिल्ली (Delhi) में आने वाले चीनी नागरिकों के ठहराव को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है.
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चीनी नागरिकों के लिए दिल्ली के होटल और गेस्ट हाउस बंद करने का फैसला लिया गया है. कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज (कैट) के चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अभियान को समर्थन देते हुए दिल्ली के होटल और गेस्ट हाउस संगठन ने अब चीनी व्यक्तियों को न ठहराने का फैसला किया है. लिहाजा अब दिल्ली में आने वाले चीनी नागरिकों के लिए होटल और गेस्ट हाउस में 'नो एंट्री' रहेगी.
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देश के 68.2 प्रतिशत लोग चीनी उत्पादों के बहिष्कार को तैयार : सर्वे
गौरतलब है कि भारतीय सीमा में घुसपैठ, दखलअंदाजी और फिर 20 जवानों की शहादत के बाद लोगों के अंदर चीन के खिलाफ काफी गुस्सा है. भारत और चीन में तनातनी के बाद एक सर्वे से पता चला है कि देश के 68.2 प्रतिशत लोग चीनी उत्पादों के बहिष्कार को तैयार हैं.
भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के मद्देनजर देश के 68.2 प्रतिशत लोगों का कहना है वे चीन द्वारा निर्मित मोबाइल फोन, टीवी, इलेक्ट्रॉनिक सामान सहित अन्य उत्पादों को खरीदना बंद कर देंगे. सर्वे के अनुसार, 68.2 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे चीनी उत्पादों का बहिष्कार करेंगे, जबकि 31.8 प्रतिशत ने कहा कि इस तरह का कुछ भी नहीं होने जा रहा है और हमेशा की तरह व्यापार होगा, जहां लोग चीनी उत्पादों को खरीदना जारी रखेंगे.
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