बीजेपी में भ्रष्टाचार का आरोप झेल रहे दूसरे दलों के नेताओं के लिए अब नो एंट्री का बोर्ड लग गया है. अब पार्टी पूरी जांच पड़ताल के बाद ही पार्टी की सदस्यता देगी. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि बीजेपी अपने इस फैसले से विपक्ष के वाशिंग मशीन होने के आरोप को खत्म कर देना चाहती है. केंद्र की सत्ता में आने के बाद तमाम दूसरे दल के नेता बीजेपी की तरफ दौड़ते हुए नजर आए और बहुतों को बीजेपी ने भाजपाई बना भी दिया. इनमें ऐसे लोग भी शामिल हैं जिन पर करप्शन के कई गंभीर और बड़े आरोप थे.
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लिहाजा ऐसे नेताओं पर विपक्षी हमले का जवाब देना बीजेपी को भारी पड़ रहा था. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्णय के बाद अब पार्टी ने दागी नेताओं के लिए अपना दरवाजा बंद कर दिया है. बानगी के तौर पर कैप्टेन अमरिंदर सिंह के साथ बीजेपी ज्वाइन करने वाले नेताओं को लिया जा सकता है, जिसे ज्वाइन करने के ठीक पहले पार्टी ने उन्हें लेने से मना कर दिया.
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सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ दिल्ली आए पंजाब विधानसभा के पूर्व स्पीकर राणा केपी सिंह, पूर्व उप-मुख्यमंत्री ओपी सोनी और कैप्टन के खास एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत का नाम बीजेपी में कैप्टन की ज्वाइनिंग और उनकी पार्टी पीएलसी के विलय से ऐन पहले काट दिया गया. इन सभी पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. यही नहीं अभी भी तमाम दूसरे दलों के नेताओं की बीजेपी में ज्वाइनिंग होने वाली है, लेकिन अब पार्टी उन सभी नेताओं के सर्टिफिकेट खंगाल रही है कि कही किसी के दामन पर दाग तो नहीं हैं.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए फैसला किया है कि जिन नेताओं पर भ्रष्टाचार का कोई मामला हो या गंभीर आरोप लगे हो, उन्हें पार्टी में शामिल न किया जाए. बीजेपी नहीं चाहती है कि पार्टी पर बाहरी लोगों की वजह से भ्रष्टाचार का कलंक लगे.
Source : Vikas Chandra