एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) मुद्दे को लेकर असम और देश के अन्य हिस्सों मे बढ़ रहे ग़ुस्से के बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सभी भारतीयों को आश्वस्त किया है कि उनके साथ नाइंसाफी नहीं होगी। राजनाथ सिंह ने कहा, 'नॉर्थ-ईस्ट में रह रहे सभी लोग चाहते हैं कि एक सूची तैयार की जाए जिसमें भारतीय और गैरभारतीयों की विस्तृत जानकारी सूचीबद्ध हो। इसी वजह से असम में एनआरसी लिस्ट तैयार की गई है। हालांकि इस सूची को लेकर कुछ शिकायतें भी मिली है लेकिन जो कुछ भी हो रहा है वह सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रहा है।'
गृहमंत्री ने आगे कहा, 'मैं एनआरसी से संबंधित दिक्कतों के बारे में यहां ज़्यादा बात नहीं कर सकता लेकिन मैं आपको आश्वस्त कर दूं कि किसी भी भारतीय को इस सूची से बाहर नहीं किया जाएगा। इस बारे में किसी को कोई हिचक नहीं होनी चाहिए।'
राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी के 'न्यू इंडिया' का ज़िक्र करते हुए कहा, 'हमारे प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) कहते हैं कि वह 2022 तक अपने लक्ष्य 'न्यू इंडिया' को छूना चाहते हैं। प्रधानमंत्री के सपनों को पूरा करने के लिए ज़रूरी है कि नॉर्थ-ईस्ट का विकास हो। बगैर नॉर्थ-ईस्ट के विकास के पीएम मोदी के सपनों को पूरा नहीं किया जा सकता। हाल के दिनों में वहां क़ानून-व्यवस्था के हालात में काफी तेज़ी से सुधार हुआ है। नॉर्थ-ईस्ट के युवाओं में प्रतिभा का अकाल नहीं है इसी वजह से दिल्ली पुलिस में वहां के काफी युवाओं की भर्ती हुई है। मैं दिल्ली में रह रहे नॉर्थ-ईस्ट के सभी सभी युवा साथियों से कहना चाहता हूं कि अगर उन्हें किसी भी तरह की कोई दिक्कत हो तो वो मुझसे सीधे संपर्क कर सकते हैं।'
बता दें कि एनआरसी का पहला ड्राफ्ट 1 जनवरी 2018 को जारी किया गया था जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 1.9 करोड़ लोगों को बतौर भारतीय शामल किया गया था।
वहीं 30 जुलाई को दूसरा और आख़िरी ड्राफ्ट रिलीज किया गया जिसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में से बतौर नागिरक कुल 2.89 करोड़ लोगों को शामिल किया गया जबकि 40 लाख़ लोगों को एनआरसी लिस्ट से बाहर रखा गया।
गौरतलब है कि एनआरसी की लिस्ट में वैसे लोगों को शामिल किया गया है जिन्हें सन 1951 में भारतीय नागरिक माना गया था। लिस्ट तैयार करने का प्रमुख मकसद असम में रह रहे गैरप्रवासी भारतीयों की पहचान करना है।
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राजनाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा, 'वाजपेयी जी ने नॉर्थ-ईस्ट को भारत का हृदय बताया था। हम बिना इस क्षेत्र का विकास किए समृद्ध भारत की कल्पना नहीं कर सकते।'
Source : News Nation Bureau