राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कृषि कानूनों के विरोध में आज किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान अराजकता का माहौल देखने को मिला. किसान हिंसा पर उतर आए. किसानों ने आज लाल किले को भी कब्जे में ले लिया और तिरंगा की जगह एक संगठन का झंडा लगा दिया. देश के लिए शर्मनाक बात यह है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी में हिंसा हुई है. लेकिन दिल्ली में ट्रैक्टर परेड की आड़ में अराजकता फैलाने वाले उपद्रवी किसानों की अब खैर नहीं है. दिल्ली के अलग अलग पुलिस थानों में किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी की जा रही है.
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शुरुआती दौर में लगभग एक दर्जन मामले दर्ज हो सकते हैं. उपद्रव करने वाले किसानों के खिलाफ विभिन्न अपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करने की तैयारी है. इसके बाद गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हो सकता है. वहीं अतिरिक्त सुरक्षाबलों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं. उधर, किसानों के बवाल पर केंद्रीय गृह मंत्रालय भी हरकत में आया है. गृह मंत्रालय की उच्चस्तरीय बैठक की जा रही है. दिल्ली में सुरक्षा के हालात को लेकर बैठक जारी है. गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर यह बैठक चल रही है.
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उल्लेखनीय है कि आज बड़ी तादात में दिल्ली की अलग अलग सीमाओं से हजारों की संख्या में बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए राजधानी में घुस गए. कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पड़े किसानों ने हिंसक रुख अख्तियार कर लिया. राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने के दौरान पुलिस के साथ आईटीओ समेत कई जगह पर उनकी झड़प हुई. हिंसा पर उतारू किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े.
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पुलिस द्वारा दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दिए जाने के बावजूद उन्होंने निर्धारित समय एवं शर्तो का पालन नहीं किया और उग्र हो गए. ट्रैक्टर रैली के दौरान करनाल बाईपास, मुकारबा चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, अक्षरधाम, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर के रास्ते उन्होंने दिल्ली में प्रवेश किया. कई जगह लगे बैरिकेड को उन्होंने हटा दिया. पुलिस के साथ झड़प करते कुछ किसानों के हाथों में तलवार भी देखी गई. पुलिस वालों पर भी जानलेवा हमला किया गया. सीधे पुलिसकर्मियों को दंगाईयों ने निशाना बनाया. जिसमें तमाम पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.