केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय आगमन के लिए दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है, जिसमें सिफारिश की गई कि सभी यात्री पहले की तरह 7 दिनों के होम क्वारंटीन के बजाय अगले 14 दिनों के लिए अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करें. 14 फरवरी से लागू होने वाले संशोधित दिशा-निर्देशों में 'जोखिम वाले देशों' और अन्य देशों का सीमांकन भी हटा दिया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, 'जोखिम वाले देशों और अन्य देशों का सीमांकन हटा दिया गया है. तदनुसार आगमन के बाद सैंपल देने और परिणाम प्राप्त होने तक प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है.'
ये भी नहीं करना होगा
ट्वीट्स की एक श्रृंखला में उन्होंने यह भी कहा कि 8वें दिन आरटी-पीसीआर परीक्षण करने और उसे एयर सुविधा पोर्टल पर अपलोड करने की आवश्यकता समाप्त हो गई है. सभी देशों के दो फीसदी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आगमन पर रैंडम सैंपलिंग की जाएगी. सैंपल जमा करने के बाद यात्री एयरपोर्ट से बाहर जा सकते हैं. नए दिशा-निर्देशों के अनुसार यदि यात्री में खुद की स्वास्थ्य निगरानी के तहत कोविड -19 के मामले विकसित करते हैं, तो वे तुरंत सेल्फ आइसोलेट हो जाएंगे और अपनी निकटतम स्वास्थ्य सुविधा में रिपोर्ट करेंगे या राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर (1075) राज्य हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करेंगे.
कोरोना के वैश्विक मामले बढ़कर 40.28 करोड़ हुए
इस बीच कोरोना के वैश्विक मामले बढ़कर 40.28 करोड़ हो गए और इस महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 57.7 लाख हो गई. साथ ही अबतक वैक्सीनेशन की करीब 10.11 अरब खुराकें लोगों को दी जा चुकी हैं. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने यह चेतावनी दी. गुरुवार सुबह अपने नवीनतम अपडेट में यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने खुलासा किया कि वर्तमान वैश्विक मामले और मरने वालों की संख्या क्रमश: 402,898,166 और 5,775,328 है, जबकि दिए गए टीके की कुल संख्या बढ़कर 10,118,376,651 हो गई है.
HIGHLIGHTS
- 14 फरवरी से लागू होने वाले हैं संशोधित दिशा-निर्देश
- दो फीसद अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आने पर रैंडम सैंपलिंग
- 8वें दिन आरटी-पीसीआर परीक्षण करने की जरूरत भी खत्म