दिल्ली-महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्य कोरोना वायरस (Corona Virus) वैक्सीन की कमी की लगातार शिकायत कर रहे हैं. हालांकि इसमें कुछ राजनीति भी है. फिर भी कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी होने की वजह से टीकाकरण अभियान को रोक दिया है. इनमें भी महाराष्ट्र और दिल्ली प्रमुख हैं. ये राज्य लगातार केंद्र सरकार से ग्लोबल टेंडर के जरिये वैक्सीन खरीदने की बात कर रहे हैं. ऐसे में कुछ राज्य ऐसे हैं जहां टीके की बर्बादी अभी भी जारी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी नए आंकड़ों के मुताबिक कोविड-19 वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) की बर्बादी के मामले में झारखंड, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु शीर्ष पर हैं. इन राज्यों में टीके की बर्बादी राष्ट्रीय औसत से भी कहीं ज्यादा है.
टीकों की बर्बादी में ये राज्य आगे
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में 37.3 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 30.2 फीसदी और तमिलनाडु में 15.5 फीसदी टीकों की बर्बादी हो रही है. इसी तरह, जम्मू-कश्मीर में 10.8 फीसदी, मध्य प्रदेश में 10.7 फीसदी टीके की बर्बादी हो रही है. आंकड़ों को देखें तो इन राज्यों में टीके की बर्बादी राष्ट्रीय औसत से भी कहीं ज्यादा है. फिलहाल देश में 6.3 फीसदी कोरोना टीके की बर्बादी हो रही है. यह स्थिति तब है जब राज्यों को लगातार यह कहा जा रहा है कि वे वैक्सीन की बर्बादी को 1 प्रतिशत से नीचे लाएं.
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टीकों की किल्लत पर चर्चा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ टीकाकरण, कोविन सॉफ्टवेयर में हुए बदलावों को लेकर वर्चुअल मीटिंग की. इसी मीटिंग के दौरान टीकों की किल्लत की जानकारी भी दी गई. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में बुधवार को बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 208,886 नए केस सामने आए हैं, वहीं इसी दौरान करीब 4172 लोगों ने जान गंवाई है. मंगलवार को यही आंकड़ा 3,498 था, वहीं नए केस भी दो लाख से नीचे 195,815 सामने आए थे.
HIGHLIGHTS
- झारखंड, छत्तीसगढ़ औऱ तमिलनाडु टीके की बर्बादी में शीर्ष पर
- वैक्सीन बर्बादी के राष्ट्रीय औसत 6.3 फीसदी से ज्यादा है दर
- केंद्र का लक्ष्य टीकों की बर्बादी दर एक फीसदी से नीचे लाना