देश में भीड़ द्वारा अल्पसंख्यक एवं दलित समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा की हालिया घटनाओं के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को फिल्मी हस्तियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित सैकड़ों की संख्या में नागरिकों ने प्रदर्शन किया।
देश में बढ़ रहे हिंसा के माहौल और सांप्रदायिक विभाजन के खिलाफ शुरू किए गए अभियान 'नॉट इन माई नेम' के तहत जंतर मंतर पर आयोजित प्रदर्शन में दो साल पहले घर में गोमांस रखने के संदेह में भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डाले गए मोहम्मद अखलाक के परिवार वाले भी मौजूद थे।
हाल ही में हरियाणा के बल्लभगढ़ के रहने वाले किशोर जुनैद खान की चलती ट्रेन में भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। विरोध प्रदर्शन करने वालों में शबाना आजमी, मेधा पाटकर, आम आदमी पार्टी के नेता और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि देश में सांप्रदायिक विभाजन और भीड़ द्वारा हो रही हत्याओं को रोकना होगा।
पाटकर ने कहा, 'कट्टरपंथी देश के नागरिकों को बांट रहे हैं..हमें इस तरह के विरोध प्रदर्शन करते रहने होंगे, जिससे कि इस तरह की प्रवृत्ति के खिलाफ दबाव बनाया जा सके।'
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फेसबुक पर यह अभियान 'नॉट इन माई नेम' शुरू करने वाली शबा दीवान ने कहा, 'यह विरोध प्रदर्शन दलितों और मुस्लिमों के खिलाफ लगातार हो रही हिंसा के खिलाफ है। सरकारों ने अब तक कुछ नहीं किया है और चारों ओर इसे लेकर चुप्पी छाई हुई है। पहलू खान हमारे भाई थे और जुनैद हमारा ही बेटा था।'
एक अन्य प्रदर्शनकारी बिलाल ने कहा कि भीड़ द्वारा मारे गए लोगों में 80 फीसदी मुस्लिम समुदाय के थे।
विरोध प्रदर्शन के लिए एक मंच तैयार किया गया था, जिस पर भारत का नक्शा बनाया गया था, जिसमें उन जगहों को चिह्नित किया गया था, जहां इस तरह की घटनाएं घटीं। पूरी तरह शांतिपूर्ण रहे इस विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सांप्रदायिक सौहार्द्र के नारे लगाए और गीत गाए।
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Source : IANS