Lok Sabha Speaker Election: लोकसभा स्पीकर पद को लेकर आजाद भारत के इतिहास में तीसरी बार चुनाव कराया गया. आमतौर पर लोकसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चयन राजनीतिक दलों की सहमति के साथ ही किया जाता है. लेकिन इस बार बीजेपी के पूर्ण बहुमत न मिलने और इंडिया ब्लॉक के बेहतर प्रदर्शन के बाद विपक्ष के हौसले भी बुलंद है. लिहाजा विपक्ष ने अपनी मांग के साथ ही स्पीकर पद पर सहमति की बात कही थी. इसके बाद इस पद को लेकर चुनाव हुआ और जैसा कि पहले से ही यह बात साफ थी कि एनडीए के पास पर्याप्त संख्या थी जिससे वह बहुमत हासिल कर सकें. हुआ भी वैसा ही और ओम बिरला दोबारा लोकसभा स्पीकर बन गए हैं. आपको बता दें कि ओम बिरला ऐसे पहले नेता नहीं है जो दूसरी बार लोकसभा के स्पीकर बने हैं उनसे पहले भी कुछ सांसद ऐसा कर चुके हैं. आइए जानते हैं वो कौन-कौन सांसद हैं जिन्होंने दूसरी बार लोकसभा स्पीकर पद पर दो बार अपनी मौजूदगी दर्ज कराई.
एम आयंगर ऐसे पहले सांसद
लोकसभा स्पीकर पद पर दो बार काबिज हुए सांसदों में पहला नाम एम आयंगर का है. इन्होंने लगातार दो बार लोकसभा स्पीकर पद पर कार्यभार संभाला. आयंगर पहले 1956 में लोकसभा स्पीकर बने, हालांकि सरकार ज्यादा दिन नहीं चली और इसके बाद वह 1957 में एक बार फिर स्पीकर चुने गए.
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गुरदयाल सिंह ढिल्लों ने भी निभाई भूमिका
इसके बाद गुरदयाल सिंह ढिल्लों ने भी लोकसभा स्पीकर पद पर दो बार कामकाज संभालकर दूसरे ऐसे सांसद बनने का रिकॉर्ड अपने नाम किया. ढिल्लों ने पहली बार 1969 में लोकसभा स्पीकर पद पर चुने गए, जबकि दूसरी बार 1971 में भी उन्होंने लोकसभा स्पीकर पद चुना.
#WATCH | BJP MP Om Birla occupies the Chair of Lok Sabha Speaker after being elected as the Speaker of the 18th Lok Sabha.
Prime Minister Narendra Modi, LoP Rahul Gandhi and Parliamentary Affairs Minister Kiren Rijiju accompany him to the Chair. pic.twitter.com/zVU0G4yl0d
— ANI (@ANI) June 26, 2024
नीलम संजीव रेड्डी भी दो बार बने लोकसभा स्पीकर
नीलम संजीव रेड्डी ने भी बतौर लोकसभा स्पीकर दो बार यह भूमिका निभाई, उन्होंने पहले 1969 में जबकि दूसरी बार 1977 में इस पद पर सफलता पूर्वक काम किया.
बलराम जाखड़
लोकसभा स्पीकर पद के लिए बलराम जाखड़ ने भी दो बार कामकाज देखा. जाखड़ ने पहली बार 1980 में बतौर सदन के निचले सदन में स्पीकर के पद पर काम किया जबकि दूसरी बार 1985 में भी उन्हें ही आम सहमति से लोकसभा स्पीकर चुना गया. सिर्फ बलराम जाखड़ ही ऐसे सांसद रहे जिन्होंने अपना लोकसभा स्पीकर पद का कार्यकाल पूरा किया और दोबारा चुने गए.
जीएमसी बालयोगी
जीएमसी बालयोगी भी ऐसे सांसद रहे हैं जिन्होंने के बार नहीं बल्कि दो बार लोकसभा स्पीकर पद संभाला. उन्होंने अपना पहला कार्यकाल 1988 में शुरू किया जबकि बालयोगी का दूसरा कार्यकाल 1999 रहा.
आजाद भारत में दो बार इस पद पर हुई वोटिंग
बता दें कि आजाद भारत में अब तक महज दो बार लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव आयोजित किए गए. पहली बार ये चुनाव 1952 में कराया गया. उस दौरान कांग्रेस के उम्मीदवार जीवी मावलंकर जीते जबकि कम्युनिस्ट पार्टी के शंकर शांताराम मोरे के इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.
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इसके बाद यह चुनाव 1976 में कराया गया. इस चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी बलिराम भगत ने जीत दर्ज की जबकि जगन्नाथ जोशी को हार का सामना करना पड़ा.
Source : News Nation Bureau