Corona Virus: खांसी और सांस में दिक्कत ही नहीं ये भी हो सकते हैं कोरोना वायरस के लक्षण

दुनियाभर में कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ लगातार जंग जारी है. इसी क्रम में अमेरिका के कॉलेज ऑफ गैस्ट्रोएंट्रॉलजी की ओर से इस वायरस के फैलने के कारणों और इसकी पहचान को लेकर एक महत्वपूर्ण संदेश जारी किया गया है.

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Deepak Pandey
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कोरोना वायरस( Photo Credit : फाइल फोटो)

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दुनियाभर में कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ लगातार जंग जारी है. इसी क्रम में अमेरिका के कॉलेज ऑफ गैस्ट्रोएंट्रॉलजी की ओर से इस वायरस के फैलने के कारणों और इसकी पहचान को लेकर एक महत्वपूर्ण संदेश जारी किया गया है. यूएस के इस संस्थान में दुनियाभर के हजारों डॉक्टर्स कार्य करते हैं. ये डॉक्टर्स वुहान के कोरोना वायरस के अलावा अमेरिका और अन्य देशों के कुछ मामलों की स्टडी कर रहे हैं.

स्टडी में इन डॉक्टरों ने पाया कि कोरोना वायरस में केवल सांस संबंधी ही नहीं है, बल्कि पाचन तंत्र जैसे डायरिया के लक्षण भी अहम हैं. अमेरिकन कॉलेज ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के अध्यक्ष डॉ. मार्क पोचपिन का कहना है कि हमें वुहान, इटली और अन्य जगहों से आ रही जानकारी मिल रही है, जिससे पता चलता है कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (पाचन तंत्र) की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है.

सीडीसी (Centers for Disease Control and Prevention) के मुताबिक, कोरोना वायरस के ज्यादातर लक्षण बुखार, खांसी और सांस की तकलीफ हैं, लेकिन डॉ. पोचपिन का कहना है कि इसके अलावा अन्य लक्षणों पर भी ध्यान देना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि इसकी पहचान करना जरूरी है कि कोविड 19 के शुरुआती लक्षणों में डायरिया भी एक आम लक्षण है, लेकिन बुखार और सांस संबंधी दिक्कतों के अलावा लोग इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं, जबकि इसके बारे में लोगों को भी पता होना चाहिए.

ये जानकारी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण ही अहम हैं और जानकारी के अभाव में कुछ मामले सामने आने से छूट सकते हैं. डॉ. पोचपिन के मुताबिक, वुहान में कोरोना वायरस के 200 मामलों में से 50 फीसदी मामले ऐसे थे, जिनमें सांस संबंधी दिक्कत से पहले डायरिया के लक्षण देखे गए थे.

डॉ. पोचपिन ने कहा कि डायरिया बहुत आम लक्षण है. हमें इससे घबराना नहीं चाहिए, लेकिन हल्के में भी इसको नहीं लेना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि यह वायरस मल में पाया जाता है. बाथरूम का इस्तेमाल करने के बाद हम आमतौर पर दरवाजे के हैंडल को पकड़ते हैं, जिससे वायरस फैलने का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए लोगों को बार-बार हाथ धोने को कहा जा रहा है.

डॉ. पोचपिन का कहना है कि यह वायरस कैसे होता है और कैसे फैलता है, यह समझना बहुत जरूरी है. कॉलेज ऑफ गैस्ट्रोएंट्रॉलजी को उम्मीद है कि सीडीसी निष्कर्षों पर गौर करेगा और पाचन तंत्र से संबंधित रोगियों की पहचान कर उनकी निगरानी करेगा.

Source : News Nation Bureau

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