योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने आशंका जताई है कि नोटबंदी से आर्थिक वृद्धि में 1 से 2 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। एक कार्यक्रम में आहलूवालिया ने कहा कि सरकार को तुरंत अर्थव्यवस्था को 7 फीसदी की वृद्धि दर पर लाने की कोशिश करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, 'सरकार का तत्काल उद्देश्य अर्थव्यवस्था को वापस 7 फीसदी की रफ्तार पर लाने की होनी चाहिए। लेकिन 7 फीसदी की बजाए इस साल आर्थिक रफ्तार महज 5 प्लस या 6 प्लस रहने की संभावना है। हालांकि अंतर्निहित शक्ति बनी हुई है इसलिए एक बार नोटबंदी का असर कम हो जाए तो आर्थिक रफ्तार के 7 फीसदी तक पहुंचने की क्षमता है।'
भारतीय रिजर्व बैंक ने वर्तमान वित्त वर्ष के लिए अर्थव्यवस्था के वृद्धि दर के अनुमान को घटाते हुए 7.6 फीसदी 7.1 फीसदी कर दिया ।
इसमें कहा गया है कि नोटबंदी के कारण आर्थिक गतिविधियों और मांग में गिरावट से विकास दर के कम होने का खतरा पैदा हो गया है।
अहलूवालिया ने यहां भारत चैम्बर ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम में यह पूछे जाने पर कि नोटबंदी की क्या वाकई जरूरत थी। उन्होंने कहा, 'मैं नोटबंदी की सिफारिश नहीं करुंगा। मैं यह नहीं कह सकता कि डिजिटलीकरण का नोटबंदी एक साधन है।'
Source : News Nation Bureau