पिछले साल नवंबर में की गई नोटबंदी के पहले जितनी मुद्रा प्रचलन में थी, उसका 86 फीसदी वापस प्रचलन में लौट चुकी है। सरकार ने संसद को शुक्रवार को यह जानकारी दी।
वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा, 'पुर्नमुद्रीकरण तेज गति से हो रहा है और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नोटों की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति का प्रबंध किया है।'
उन्होंने कहा, '2016 के चार नवंबर तक जितनी मुद्रा प्रचलन में थी, 21 जुलाई तक उसका 86 फीसदी दोबारा प्रचलन में आ चुकी है।'
मंत्री ने कहा कि पुराने नोट गिनने का काम अभी भी जारी है और गलतियों से बचने के लिए इसे बड़ी बारीकी के साथ किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, 'पुराने नोट जमा करने के दौरान हुई त्रुटियों को हटाने पर काफी सावधानी से ध्यान दिया जा रहा है और इसकी प्रगति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।'
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बता दें कि कुछ दिनों पहले ही आरबीआई के उपगर्वनर विरल आचार्य ने केंद्रीय बैंक की मौद्रिक समीक्षा नीति जारी करने के बाद कहा था, 'प्रचलन में जितनी मुद्रा है, उससे पता लगता है कि अब यह सामान्य स्तर तक पहुंच चुका है। हम सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं ताकि इस काम को पूरा कर सकें।'
एसबीआई की कुछ दिन पहले जारी इकोरैप रिपोर्ट में कहा गया, '7 जुलाई तक नोटबंदी के पहले जितनी मुद्रा प्रचलन में थी, उसका 84 फीसदी वापस बाजार में पहुंच चुका है।'
पिछले साल 8 नवंबर तक 500 और 1000 रुपये के कुल 15.44 करोड़ मुद्रा प्रचलन में थी।
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Source : News Nation Bureau