2007 में हैदराबाद के मक्का मस्जिद में हुए धमाके के मामले में असीमानंद समेत सभी आरोपियों के बरी हो जाने के बाद कांग्रेस ने 'भगवा आतंकवाद' को लेकर सफाई दी है।
बीजेपी ने जहां कांग्रेस पर हमला बोलते हुए 'भगवा आतंकवाद' पर कड़ी आपत्ति जताई और कांग्रेस से माफी की मांग की।
वहीं अब कांग्रेस ने इस पर सफाई दी है कि ऐसे किसी शब्द का उसने कभी इस्तेमाल ही नहीं किया। इसके साथ ही कांग्रेस ने एनआईए की जांच पर भी सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस ने 'भगवा आतंकवाद' शब्द के इस्तेमाल को लेकर जवाब देते हुए कहा, हमारे नेता राहुल गांधी साफ कर चुके हैं कि हम मानते हैं कि आतंक का कोई धर्म या जाति नहीं होती और कांग्रेस ने कभी इस शब्द (भगवा आतंकवाद) का इस्तेमाल नहीं किया है।
बीजेपी ने सभी आरोपियों के बरी होने के बाद कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि असीमानंद के नाम पर कांग्रेस ने 'भगवा आतंकवाद' कहकर हिंदुओं को बदनाम किया था।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, 'क्या अब कांग्रेस इस पर माफी मांगेगी क्योंकि उसने तुष्टिकरण के लिए एक हिन्दू को फंसाया। राहुल गांधी को हिंदू आतंकवाद पर अब जवाब देना चाहिए जबकि कोर्ट ने कह दिया है कि इसमें हिंदू आतंकवाद जैसी कोई बात ही नहीं है।'
बीजेपी के इस आरोप पर कांग्रेस प्रवक्ता पीएल पुनिया ने कहा, आतंकवाद एक आपराधिक मानसिकता है और इसे किसी भी धर्म या जाति से नहीं जोड़ा जा सकता है।
पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए पुनिया ने कहा, 'राहुल गांधी या फिर कांग्रेस पार्टी ने कभी भी भगवा आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। ये सब बकवास है, भगवा आतंकवाद जैसा कुछ है ही नहीं और यही हमारा मानना है।'
कांग्रेस प्रवक्ता पी एल पुनिया ने कहा, 'मुझे ऐसा कोई भी वीडियो और ऑडियो क्लिप दिखा दीजिए, जिसमें कोई भी कांग्रेस पदाधिकारी 'भगवा आतंकवाद' शब्द का प्रयोग करता हुआ दिखाई दे रहा हो। भगवा आतंकवाद जैसी कोई चीज है ही नहीं।'
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हैदराबाद में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अदालत ने मक्का मस्जिद बम विस्फोट मामले में पांचों आरोपियों को बरी कर दिया था, जिसके बाद कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आई है। 2007 में जुमे की नमाज के दौरान विस्फोट हुआ था, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी और 50 अन्य घायल हो गए थे।
कांग्रेस ने एनआईए की जांच पर उठाए सवाल
यूपीए सरकार में उस गृह मंत्री रहे कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल ने कहा, मैं नहीं जानता एनआईए की चार्जशीट में क्या था, हमने सुना है कि इस मामले के गवाहों को मजबूर किया गया, और इस मामले में क्रॉस क्वेशचनिंग हुई या नहीं मुझे इसकी भी जानकारी नहीं है।
वहीं राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा, 'यह सरकार पर है कि फैसले की जांच करे और अगर आगे अपील की जरूरत हो तो निर्णय ले। न्यायिक मामला होने के कारण मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।'
एनआईए के आरोपी बनाए गए हिंदू दक्षिणपंथी समूह अभिनव भारत के सभी सदस्य नब कुमार सरकार उर्फ स्वामी असीमानंद, देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, भरत मोहनलाल रातेश्वर उर्फ भरत भाई और राजेंद्र चौधरी को अदालत ने बरी कर दिया।
पुनिया ने हालांकि कहा कि यह सवाल बरकरार रहेगा कि कबूलनामा वाला बयान और अन्य दस्तावेज अभियोजन की फाइल से कैसे गायब हो गए।
पुनिया ने कहा, 'अदालत का संपूर्ण आदेश आने से पहले टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। लेकिन अदालत ने कहा है कि अभियोजन मामले को साबित करने में विफल रहा।'
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Source : News Nation Bureau