भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि डोकलाम के बारे में चिंता करने की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि स्थिति काफी अच्छी है।
सेना प्रमुख ने कहा है कि इससे परेशान होने का कोई कारण नहीं है। दरअसल कुछ दिनों पहले चीन की तरफ से डोकलाम के पास रक्षा बुनियादी ढांचा विकास करने की रिपोर्ट आई थी।
पिछले महीने भी बिपिन रावत ने कहा था कि डोकलाम में चीनी सैनिक मौजूद है लेकिन उनकी संख्या बेहद कम है और यह कोई गंभीर बात नहीं है।
इससे पहले नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने चीन के पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के द्वारा तेजी से किए जा रहे भूभाग विस्तार पर चिंता जताई है।
सुनील लांबा ने कहा, 'वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार से पीएलए की बार-बार घुसपैठ और हालिया डोकलाम विवाद चीन के बढ़ते दबदबे का संकेत है क्योंकि वह आर्थिक और सैन्य रूप से तरक्की कर रहा है। डोकलाम में तनातनी सिलीगुड़ी कोरिडोर में अतिसंवेदनशीलता को दिखाता है।'
पिछले महीने विदेश मंत्रालय ने चीनी सेना के फिर से डोकलाम के नजदीक पहुंचने के रिपोर्टों को खारिज कर दिया था और कहा गया था कि वहां पहले जैसी स्थिति है।
इससे पहले सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा था कि चीनी सेना द्वारा डोकलाम क्षेत्र में आधारभूत संरचना का विकास अस्थाई है।
डोकलाम में पिछले साल 16 जून से 73 दिनों तक भारतीय और चीनी सैनिक आमने सामने थे। यह गतिरोध तब शुरू हुआ था जब भारतीय पक्ष ने चीनी सेना द्वारा विवादित डोकलाम त्रिसंगम पर किए जा रहे सड़क निर्माण कार्य को रोक दिया था। डोकलाम में चला यह गतिरोध 28 अगस्त 2017 को खत्म हुआ था।
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Source : News Nation Bureau