चीन (China) ने सेना पीछे हटाने की पारस्परिक सहमति वाली प्रक्रिया के तहत पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में गतिरोध के दो और स्थानों-गोग्रा तथा हॉट स्प्रिंग से बृहस्पतिवार को अपने सैनिकों की वापसी पूरी कर ली. इसके साथ ही दोनों देश तनाव कम करने के लिए शुक्रवार को एक और दौर की कूटनीतिक वार्ता करने वाले हैं. गलवान घाटी (Galwan Valley) से चीन पहले ही सैनिकों को वापस बुला चुका है. इस बीच, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक मीडिया ब्रीफिंग में गलवान घाटी पर चीन के दावे को एक बार फिर खारिज किया, लेकिन दोहराया कि भारत सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता की बहाली और वार्ता के माध्यम से मतभेदों के समाधान की आवश्यकता को समझता है.
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अगले हफ्ते कमांडर दौर की बातचीत
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का पूर्ण सम्मान और अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए क्योंकि यह सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता के लिए आधार है. सरकारी सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्ष ऊंचाई वाल क्षेत्र में अपने सैनिकों को पीछे बुलाने के तौर तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए अगले सप्ताह तक कोर कमांडर स्तर की एक और दौर की वार्ता कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों ने विवाद के तीन बिन्दुओं-गलवान घाटी, गोग्रा और हॉट स्प्रिंग में अस्थायी कदम के तौर पर तीन किलोमीटर का बफर जोन बनाने का काम पूरा कर लिया है.
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आठ हफ्ते से जारी है तनातनी
सूत्रों ने कहा कि पैंगोंग सो में फिंगर 4 क्षेत्र में भी सैनिकों की संख्या में कमी हो रही है. गलवान घाटी से चीन पहले ही सैनिकों को वापस बुला चुका है. पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के सैनिकों के बीच आठ सप्ताह तक चली तनातनी के बाद विवाद वाली जगहों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया औपचारिक रूप से सोमवार को शुरू हुई थी. इस बीच, घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि दोनों पक्ष सीमा विवाद पर शुक्रवार को एक और दौर की ऑनलाइन बैठक करेंगे. यह बैठक भारत-चीन सीमा मामलों से संबंधित विचार एवं समन्वय तंत्र के तहत होगी.
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वु-डोभाल की बात से पिघली बर्फ
विदेश मंत्रालय में पूर्वी एशिया मामलों के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव चीनी विदेश मंत्रालय में महानिदेशक वु जियांगहाओ के साथ बात करेंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपनी ब्रीफिंग में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने गलवान घाटी क्षेत्र सहित एलएसी पर हालिया घटनाक्रम के बारे में चीनी विदेश मंत्री वांग यी को रविवार को भारत की स्थिति से स्पष्ट रूप से अवगत करा दिया. डोभाल और वांग सीमा वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधि हैं, जिन्होंने रविवार को फोन पर बात की थी. इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में विवाद वाले स्थलों से पीछे हटना शुरू कर दिया था.
HIGHLIGHTS
- गलवान घाटी पर चीन का दावा एक बार फिर खारिज.
- लद्दाख में तीन इलाकों से पीछे हट चुकी है चीनी सेना.
- शुक्रवार को हो सकती है एक और दौर की बातचीत.