जब से अनुच्छेद 370 खत्म हुआ है और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है, तब से राज्य में विकास की धारा बह रही है. मोदी सरकार द्वारा किए गए लगभग वादों पर मुहर लग रही है. इन सबके बीच लद्दाख को एक बड़ी सौगात भी मिली है. अब प्रदेश की सड़कों पर हाइड्रोजन बसें दौड़ती नजर आएंगी. भविष्य को देखते हुए लेह से व्यावसायिक परीक्षण के साथ बसें चलेंगी. इस योजना पर, एनटीपीसी शहर में इंट्रा-सिटी सेवा के लिए लेह प्रशासन को पांच हाइड्रोजन ईंधन सेल बसों की आपूर्ति करने जा रहा है. इसने बसों के ईंधन के लिए हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए एक ईंधन स्टेशन और 1.7 मेगावाट का कैप्टिव सौर संयंत्र भी बनाया है. लेह प्रशासन ने बुनियादी ढांचे के लिए शहर में 7.5 एकड़ जमीन पट्टे पर दी है.
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जल्द ही दौड़ेंगी बसें
अब सवाल ये है कि इन बसों का किराया क्या होगा तो आपको बता दें कि जो बसें अभी चल रही हैं. यही किराया हाइड्रोजन बसों का भी होगा. पहली बस गुरुवार को यहां पहुंची थी और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बस शुरू करने की योजना थी लेकिन भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण इसे स्थगित करना पड़ा. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सेवाएं जल्द ही शुरू की जाएंगी.
पीएम मोदी ने महज 2 सालों में कर दिखाया
साल 2020 में पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कार्बन-न्यूट्रल लद्दाख की घोषणा की थी और महज दो साल के अंदर पीएम ने इसे साकार कर दिखाया. पीएम मोदी ने कहा कि हिमालय की ऊंचाइयों में बसा लद्दाख नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है. लद्दाख की कई खासियतें हैं. हमें न केवल उनकी रक्षा करनी है, बल्कि उनका पालन-पोषण भी करना है. जिस तरह सिक्किम ने पूर्वोत्तर में 'जैविक राज्य' के रूप में अपनी पहचान बनाई है, उसी तरह लद्दाख, लेह और कारगिल भी 'कार्बन न्यूट्रल' इकाइयों के रूप में अपनी जगह बना सकते हैं.
Source : News Nation Bureau