तमिलनाडु की छात्रा 'लावण्या' के सुसाइड केस में एक मोड़ आ गया है. मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को स्कूली छात्रा के आत्महत्या मामले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए हैं. इससे पहले कोर्ट ने इस मामले पर 28 जनवरी को सुनवाई पूरी करते हुए इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. गौरतलब है कि छात्रा की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस पूरे प्रकरण से गुस्साए छात्रों ने दिल्ली में तमिलनाडु भवन के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन किया. इस पूरे प्रकरण में स्टालिन सरकार की चुप्पी भी कई सवाल पैदा कर रही है. लड़की के परिजन पहले की कह चुके हैं कि उन्हें तमिलनाडु पुलिस की जांच पर कतई भरोसा नहीं. इसके बाद केंद्र से गई एनसीपीसीआर की एक टीम ने भी आरोप लगाया था कि उसे जांच में सहयोग नहीं दिया जा रहा है.
जबरन धर्म परिवर्तन से परेशान हो किया सुसाइड
प्राप्त जानकारी के मुताबिक तंजावूर के एक मिशनरी स्कूल में 12वीं कक्षा की 17 वर्षीय छात्रा ने 9 जनवरी को कीटनाशक खा जान देने का प्रयास किया था. 19 जनवरी को अस्पताल में इलाज के दौरान छात्रा की मौत के बाद एक वीडियो सामने आया, जिसमें उसने दावा किया था कि स्कूल प्रबंधन ने जबरन उसका धर्म परिवर्तन कराया था. छात्रा ने वीडियो में कहा कि हॉस्टल में उसे लगातार डांटा जाता था और उससे हॉस्टल के सभी कमरों को साफ करने के लिए भी कहा जाता था. इतना ही नहीं छात्रा ने आरोप लगाया कि उसे लगातार ईसाई धर्म अपनाने के लिए भी मजबूर किया गया. इससे परेशान होकर छात्रा ने अपनी जान देने के लिए कीटनाशक खा लिया था. मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने अब इस मामले को सीबीआई को सौंपने के आदेश दे दिए हैं.
यह भी पढ़ेंः दंगा, भयमुक्त भारत का हो निर्माण, कट्टरता व नफरत के खिलाफ होगा इंकलाब
एनसीपीसीआर टीम ने भी कहा सरकार नहीं कर रही जांच में सहयोग
हालांकि इस मामले में पुलिस ने हॉस्टल के वार्डन को गिरफ्तार कर लिया है. बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीपीसीआर) ने इस घटना को लेकर कहा था कि आयोग की एक टीम तंजावुर जिले का दौरा करेगी और नाबालिग छात्रा की मौत की जांच करेगी. इसके लिए संबंधित पुलिस अधीक्षक से मौजूद रहने के लिए कहा गया है. आयोग की टीम छात्रा के माता-पिता और स्कूल अधिकारियों से मुलाकात करेगी, क्योंकि मामले में तमिलनाडु सरकार की ओर से आयोग का सहयोग नहीं किया जा रहा है.
यह भी पढ़ेंः कोरोना कहर से स्कूल कॉलेज बंद होना चुनौती, लाखों छात्र हो गए ड्रॉप आउट
अभाविप कर रही है देश भर में प्रदर्शन
छात्रा की मौत के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इसको लेकर सरकार पर जबर्दस्त दबाव बनाया हुआ है. इस कड़ी में तमिलनाडु सरकार एवं मिशनरी संस्थाओं के विरोध में दिल्ली के तमिलनाडु भवन के सामने जबरदस्त प्रदर्शन भी किया गया. छात्रों ने इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच एवं दोषियों को सजा देने की मांग की है. प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने छात्रों पर लाठी चार्ज किया गया तथा कई छात्रों को जबरन गिरफ्तार भी किया गया. इस घटनाक्रम में कई कार्यकर्ताओं को चोट भी आयी है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर मंदिर मार्ग पुलिस थाना ले जाया गया. इसके पहले अभाविप ने पूरे देश भर में जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपा था एवं छात्रा के न्याय की मांग प्रदेश के राज्यपाल से की थी.
HIGHLIGHTS
- जबरन धर्म परिवर्तन से परेशान छात्रा ने किया था सुसाइड
- तंजावूर के मिशनरी स्कूल पर लगा है दबाव बनाने का आरोप
- NCPCR ने भी स्टालिन सरकार को कठघरे में किया खड़ा