चीन (China) की गोद में खेल रहे नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) भारत के विरोध पर पूरी तरह से अड़े हैं. असली-नकली अयोध्या और राम मंदिर (Ram Mandir) पर धार्मिक कार्ड खेलने के बाद उन्होंने बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध पर राजनीति कर दी. यह अलग बात है कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने उनके बयान को तथ्यों के आईने में काट उन्हें जगह दिखाने में सफलता हासिल की है. अपनी कुर्सी बचाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे केपी शर्मा ओली प्रखर राष्ट्रवाद और धार्मिक कार्ड खेल रहे हैं, जिसके निशाने पर वह लगातार भारत को ले रहे हैं.
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ऐसे शुरू हुआ विवाद
गौतम बुद्ध पर ताजा विवाद कुछ इस तरह से शुरू हुआ. भारत के विदेशमंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के इंडिया @75 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि महात्मा गांधी और भगवान बुद्ध, दो ऐसे भारतीय महापुरुष हैं जिन्हें दुनिया हमेशा याद रखती है. उन्होंने कहा कि अब तक के सबसे महान भारतीय कौन हैं जिन्हें आप याद रख सकते हैं? मैं कहूंगा कि एक गौतम बुद्ध हैं और दूसरे महात्मा गांधी. इसी बयान पर नेपाल ने आपत्ति जताते हुए आधिकारिक विरोध दर्ज करवाया.
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नेपाल ने जताया विरोध
जयशंकर के बयान पर नेपाली मीडिया में खबरें आईं, जिसमें कहा गया कि भारत ने बुद्ध को भारतीय बताया. नेपाली विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि बुद्ध नेपाली थे, न कि भारतीय. नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐतिहासिक और पौराणिक तथ्यों से यह साबित हुआ है कि गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल के लुंबिनी में हुआ था. नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि 'यह सु-स्थापित और ऐतिहासिक प्रमाणों के आधार पर साबित अकाट्य तथ्य है कि बुद्ध का जन्म लुंबिनी, नेपाल में हुआ था.'
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भारत ने दिया आश्वासन
इस पर भारत ने गौतम बुद्ध की जन्मस्थली को लेकर उत्पन्न विवाद को खारिज करते हुए कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर की उन पर टिप्पणी 'हमारी साझा बौद्ध विरासत' के बारे में थी और इसमें कोई संदेह नहीं है कि बौद्ध धर्म के संस्थापक का जन्म लुंबिनी में हुआ था जो नेपाल में है. नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने रविवार को कहा कि शनिवार को एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री की टिप्पणी 'हमारी साझा बौद्ध विरासत के बारे में थी.' उन्होंने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि गौतम बुद्ध का जन्म लुम्बिनी में हुआ था, जो नेपाल में है.'
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पहले अयोध्या पर दिया बेतुका बयान
इसके पहले नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भगवान राम की अयोध्या को नेपाल के बीरगंज के पास होने तक का दावा किया था. जुलाई के दूसरे हफ्ते में उन्होंने कहा था कि भारत ने सांस्कृतिक अतिक्रमण के लिए नकली अयोध्या का निर्माण किया है जबकि असली अयोध्या नेपाल में है. इस पर नेपाली विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि पीएम ओली का किसी की आस्था को चोट पहुंचाना नहीं था.