केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि केंद्र विदेशों में काम कर रहे भारतीयों को ऑनलाइन मतदान का अधिकार देने पर विचार कर रहा है. रिजिजू ने कांग्रेस सदस्य के मुरलीधरन द्वारा उठाए गए 'प्रवासी' वोटिंग अधिकारों पर एक सवाल के जवाब में कहा, 'मैंने पहले ही चुनाव आयोग से कहा है कि हम प्रावधान करेंगे और सुझाव देंगे कि हम देश से बाहर रहने वाले अपने लोगों को वोट डालने की अनुमति कैसे देंगे.' रिजिजू ने कहा, 'लेकिन कोई भी घोषणा करने से पहले, हमें किसी भी कदाचार या दुरुपयोग से सुरक्षा, पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी.'
एक राष्ट्र एक वोटर आईडी पर भी विचार
'एक राष्ट्र, एक वोटर आईडी' पर एक अन्य सवाल के जवाब में, मंत्री ने कहा, 'सरकार इस दिशा में कदम उठाने पर विचार कर रही है .. धोखाधड़ी वाले मतदान को रोकने के लिए, और एक एकल मतदाता सूची है, जिसका पालन सभी राज्यों द्वारा किया जाएगा. ऐसी संभावना है कि इस तरह के चुनावी सुधारों से फर्जी मतदान को रोकने में मदद मिलेगी.' 'आधार को मतदाता सूची से जोड़ना एक तरीका है. अभी तक आधार को मतदाता सूची से जोड़ना स्वैच्छिक है. हमारा उद्देश्य फर्जी मतदान की जांच के लिए 'एक राष्ट्र, एक मतदाता सूची' सुनिश्चित करना और एक स्वच्छ मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित करना है.'
ईवीएम पर सवाल उठाना गैरजरूरी
कांग्रेस सदस्य मनीष तिवारी द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए रिजिजू ने कहा कि क्या ईवीएम का स्रोत कोड उस कंपनी के पास रहता है, जो उन्हें बनाती है या इसे चुनाव आयोग को पारित किया जाता है, यह न्यायाधीशों की नियुक्ति की तरह है. उन्होंने कहा, 'न्यायाधीशों की नियुक्ति सरकार करती है, लेकिन एक बार उनकी नियुक्ति हो जाने के बाद वे स्वतंत्र हो जाते हैं. किसी को भी ईवीएम पर सवाल नहीं उठाना चाहिए और कोई अनुमान भी नहीं लगाना चाहिए.'
HIGHLIGHTS
- आधार कार्ड को मतदाता सूची से जोड़ने पर भी विचार
- ईवीएम पर कोई भी सवाल उठाना भी असंवैधानिक
- स्वच्छ मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित करना भी लक्ष्य