लगभग दो दशकों बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) पर फिर तालिबान राज कायम करने में सफल रहे कट्टर इस्लामिक कानूनों को मानने वाले मुजाहिदीन लड़ाकों के हाथ न सिर्फ निर्दोष लड़कियां और महिलाएं लगी हैं, बल्कि अमेरिका और नाटो सेना के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, सैन्य वाहन और अत्याधुनिक हथियार भी लग गए हैं. अब इन्हीं के बल पर तालिबान (Taliban) अफगानिस्तान के दूसरे देशों से व्यापारिक रास्तों समेत सीमा पर मनमर्जी तरीके से अपना राज स्थापित कर रहा है. गौरतलब है कि भारत के साथ भी तालिबान ने आयात-निर्यात फिलहाल रोक दिया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक तालिबान के पास अब अफगान बलों से छीने गए अत्याधुनिक अमेरिकी हथियार हैं, बल्कि बारूदी सुरंगों और दुश्मन को गोलाबारी से बचाने वाले आर्मर सूट भी हैं. इनकी मदद से घूम-घूम कर अब तालिबान शरिया राज लागू कर रहे हैं.
हमवी पर बैठ कर रहे गश्त
शुरुआती जानकारी के मुताबिक तालिबान के हाथों अमेरिका औऱ नाटो सेना के अरबों डॉलर के अत्याधुनिक हथियार लगे हैं. अब इन्हीं के दम पर हिंसा का नंगा-नाच कर तालिबान लड़ाके शरिया का राज लाने में लगे हैं. पहले उनके पास रूप के क्लाश्निकोव राइफल हुआ करती थी, जबकि वाहनों के नाम पर सामान्य गाड़ियां. अब उनके पास एक-47 राइफल और हमवी जैसे बख्तरबंद सैन्य वाहन हैं. इन्हीं की सवारी कर वह घूम-घूम कर इस्लामिक कानूनों का पालन नहीं करने वालों को सजा देने में लगे हैं.
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पहले एक भी लड़ाकू विमान नहीं, अब हैं कई
बताते हैं कि अफगान सरकार के लिए रूसी हेलीकॉप्टर उड़ाने वाले पायलट अब तालिबान में शामिल हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि अमेरिकी एमआई-24 लड़ाकू हेलीकॉप्टर, यूएच-60 ब्लैकहॉक रूस के एमआई-8/17 ट्रांसपोर्ट और ब्राजील निर्मित ए-29 सुपर टुकानो लाइट लड़ाकू विमान तालिबान के हाथ हैं. गौरतलब है कि अमेरिकी सेना की वापसी के पहले तक एक भी लड़ाकू विमान औऱ हेलीकॉप्टर नहीं था. इसी तरह उनके पास एक भी ड्रोन या बख्तरबंद सैन्य वाहन नहीं था, लेकिन अब स्काई हॉक सरीखे ड्रोन और मजबूत बख्तरबंद वाहन मसलन हमवी हाथ लग चुके हैं. यही नहीं, मैदान छोड़कर भागती अफगान सेना अपने पीछे हजारों ग्रेनेड, रॉकेट और विस्फोटक सामग्री तालिबान के लिए छोड़ गई है. रूस में बने टी-55/62 टैंक और 50 से अधिक अमेरिकी ए-1117 टैंक अब तालिबान की विध्वंसक शक्तियों को कई गुना बढ़ा रही है.
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तालिबान के हाथ लगी ये संपत्तियां
- रविवार को काबुल में प्रवेश करते हुए तालिबान के लड़ाके बगैर किसी प्रतिरोध के अफगान राष्ट्रपति के भव्य आवास पर कब्जा जमाने में सफल हो जाते हैं. उसके बाद कई फोटो आती हैं, जिनमें वह महंगे सोफों और कार्यालयों में हथियारों के साथ बैठकर खाना-पीना कर रहे हैं.
- अमेरिकी सेना द्वारा इस्तेमाल में लाए जाने वाले बख्तरबंद वाहनों पर अमेरिकी हथियारों के साथ तालिबान के लड़ाके कई शहरों में गश्त करते देखे गए. कुछ वीडियो में तालिबान लड़ाकों को अत्याधुनिक यूएच-6- ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर्स के साथ देखा गया.
- अफगानिस्तान के ताकतवर शख्सियत रहे अब्दुल राशिद दोस्तम के मजार-ए-शरीफ स्थित भव्य आवास पर भी तालिबान का कब्जा हो चुका है. दोस्तम सुन्नी पश्तून लड़ाकों के साथ दशकों तक मजबूती के साथ मोर्चा लेते रहे. इस बार तालिबान ने कब्जा जमाते ही न सिर्फ दोस्तम के बेटे का अपहरण कर लिया, बल्कि पहली महिला गर्वनर को भी बंदी बनाने में सफलता हासिल कर ली.
- तालिबान के लड़ाकों के हाथों अब एम-4 कार्बाइन और रूस निर्मित एके-47 हैं. कुंदूज में तालिबान लड़ाकों को दूर तक मार करने वाली आर्टिलिरी गन से लैस सैन्य वाहनों पर गश्त करते देखा गया. पश्चिमी इलाके में फराह जैसे शहर में तालिबान को सांप पर झपटते चीन के चिन्ह वाली कार पर गश्त करते देखा गया. ऐसे वाहनों का इस्तेमाल अफगानिस्तान की खुफिया संस्था के अधिकारी करते हैं.
- यही नहीं, तालिबान के हाथों भारत सरकार की ओर से अफगानिस्तान को दिए गए एमआई-24 हेलीकॉप्टर भी लग गए हैं. कुछ ऐसी तस्वीरें भी वायरल हुई हैं, जिसमें तालिबान लड़ाके कुंदूज में एमआई-24 हेलीकॉप्टर के समझ खड़े नजर आए. हालांकि इन फोटो में हेलीकॉप्टर पर रोटर ब्लेड नहीं था. माना जा रहा है कि अफगान सेना जाते वक्त इन ब्लेड को साथ ले गई ताकि तालिबान इनका इस्तेमाल नहीं कर सके.
HIGHLIGHTS
- तालिबान के हाथ लगे अमेरिका और नाटो सेना के आधुनिक हथियार
- पहले एक साधारण हेलीकॉप्टर नहीं था, अब पास हैं कई लड़ाकू चॉपर्स
- बख्तरबंद सैन्य वाहनों पर घूम-घूम कर लागू कर रहे शरिया कानून